Haryana Asha Worker: आशा वर्कर विधानसभा का घेराव करने के लिए मिल्क टोल प्लाजा पर पहुंची तो पुलिस से हुई धक्का-मुक्की के दौरान पारुल बेहोश हो गई, जिसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती करवाया. जहां इलाज के दौरान पारुल की मौत हो गई. पारुल की मौत को आशा वर्कर यूनियन के लोगों ने हरियाणा सरकार को जिम्मेदार ठहराया है.
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Haryana Asha Worker: यमुनानगर के जोगिंदर नगर की रहने वाली 40 वर्षीय पारुल की देर रात अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई. पारुल आशा वर्कर के पद पर नौकरी करती थी. परसों जब यमुनानगर की सभी आशा वर्कर विधानसभा का घेराव करने के लिए मिल्क टोल प्लाजा पर पहुंची तो पुलिस से हुई धक्का मुक्की के दौरान पारुल बेहोश हो गई, जिसको इलाज के लिए जगाधरी के नीजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया, जहां इलाज के दौरान पारुल की देर रात मौत हो गई.
वहीं, पारुल की मौत को आशा वर्कर यूनियन के लोगों ने हरियाणा सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. राज्य प्रधान सुरेखा का कहना है कि पिछले 22 दिनों से यमुनानगर की सभी आशा वर्कर सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन कर रहे हैं ताकि उनकी मांगों को सरकार जल्द से जल्द पूरा कर सके. सरकार आशा वर्कों का वेतन 26000 किया जाए और उनको सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिया जाए व अन्य मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन कर रही है.
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उन्होंने कहा कि परसों सभी आशा वर्कर विधानसभा का घेराव करने के लिए अपने-अपने जिलों से विधानसभा जाने के लिए कूच कर रही थी जैसे ही आशा वर्कर यमुनानगर के मिल्क टोल प्लाजा पर पहुंची तो पुलिस ने जबरन वर्कों को आगे जाने से रोक दिया, जिसके दौरान पारुल की तबीयत खराब हो गई और वह घबरा गई, जिसको आनन-फानन में अस्पताल में भर्ती करवाया गया. पारुल के पास दो बच्चे हैं और उसका पति ऑटो चलाने का काम करते है.
पारुल के मौत का समाचार सुनकर एक अन्य आशा वर्कर कर्मचारी पारुल के घर पर ही बेहोश हो गई. वहीं पूरे परिवार व आशा वर्कों में मातम का माहौल बना हुआ है.
(इनपुटः कुलवंत सिंह)