Baldness: हेयर ट्रांसप्लांट के बाजार को नियम कायदों के दायरे में रखने के लिए पिछले वर्ष सितंबर में नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) ने गाइडलाइंस जारी की. इसके बावजूद हेयर ट्रांसप्लांट के कारोबार में लगे ज्यादातर क्लीनिक्स मेडिकल काउंसिल से रजिस्टर्ड ही नहीं हैं.
Trending Photos
Hair Transplant : ऐसा कौन शख्स है जो अच्छा और स्मार्ट नहीं दिखना चाहता, लेकिन कई बार सिर पर कम होते जा रहे बाल हमें चिंता में डाल देते हैं. आज देश में लोग खासकर पुरुष तेजी से गंजेपन का शिकार हो रहे हैं, जिसकी वजह से उसे ऑफिस, पब्लिक प्लेस पर कई बार शर्मिंदगी का सामना करना पड़ता है.
आज हम आपको बताएंगे कि अगर आप भी गंजेपन से निजात पाना चाहते हैं. शाहरुख खान जैसा हेयर स्टाइल पाना चाहते हैं तो हेयर ट्रांसप्लांट एक विकल्प है, जिससे आपके सिर पर फिर से बाल आ सकते हैं, लेकिन इस इस ट्रांसप्लांट में कुछ सावधानियां भी रखना जरूरी है.
अक्सर लोगों को यह कहते सुना है कि तुम्हारे बाल झड़ रहे हैं. लगता है कि मोटा पैसा आने वाला है. ये सच है या नहीं, यह कहना तो मुश्किल है लेकिन गंजेपन की वजह से आज भारत में कॉस्मेटिक इंडस्ट्री बहुत तेजी से आगे बढ़ रही है. ये एक ऐसी कॉस्मेटिक इंडस्ट्री है, जिसका बाजार महिलाएं नहीं, बल्कि पुरुष बढ़ा रहे हैं.
देश में 21 से 31 साल के 46% लोग गंजेपन के शिकार हो रहे हैं और इस समस्या से जूझने वाला भारत अकेला देश नहीं है. अमेरिकन हेयर लॉस एसोसिएशन की एक स्टडी के मुताबिक 35 साल की उम्र तक 66% लोग और 50 साल की उम्र तक आते-आते 85% लोग गंजेपन के शिकार होने लगते हैं.
फ्रॉस्ट एंड सुलिवन रिसर्च के आकंड़े
हाल ही में जारी हुए एक सर्वे के मुताबिक भारत में हेयर ट्रांसप्लांट का बाजार सालभर में 30 प्रतिशत की दर से बढ़ा है. 25 से 40 वर्ष के युवा इस मार्केट के सबसे बड़े ग्राहक बनकर उभरे हैं. खासतौर पर शादी के लिए पार्टनर तलाशने से पहले युवा अपनी लुक्स को बेहतर करने की चाह में हेयर ट्रांसप्लांट करवाने जाते हैं. भारत में औसतन होने वाले 100 हेयर ट्रांसप्लांट में 93 पुरुष होते हैं और 7 महिलाएं. 2022 में भारत में बालों का कारोबार 600 करोड़ रुपये का हुआ. 2031 तक इस बाजार के 3000 करोड़ रुपये का होने का अनुमान है.
ये भी पढ़ें : RSS प्रमुख मोहन भागवत ने बता दिया देश में बेरोजगारी और किसान कुंवारे क्यों?
हेयर ट्रांसप्लांट के बाजार को नियम कायदों के दायरे में रखने के लिए पिछले वर्ष सितंबर में नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) ने गाइडलाइंस जारी की. इसके बावजूद हेयर ट्रांसप्लांट के कारोबार में लगे ज्यादातर क्लीनिक्स मेडिकल काउंसिल से रजिस्टर्ड ही नहीं हैं.
हेयर ट्रांसप्लांट सेंटर खोलने की शर्तें
गाइडलाइन की क्यों पड़ी जरूरत
हेयर ट्रांसप्लांट की डिमांड बढ़ने की वजह से अब गली नुक्कड़ में ये सेंटर खुल गए हैं. कई जगहों पर MBBS डॉक्टर नहीं, बल्कि नौसिखिए ये काम कर रहे हैं. किसी सेंटर में थोड़े दिन काम देखा, सीखा और खोल लिया सेंटर. कई जगहों पर टेक्नीशियन्स ही हेयर ट्रांसप्लांट जैसी संवेदनशील सर्जरी को अंजाम दे रहे हैं. देश के कई हिस्सों से पिछले दो साल में हेयर ट्रांसप्लांट प्रोसीजर की वजह से लोगों की मौत की खबरें रिपोर्ट हो चुकी हैं, लेकिन ये भी सच है कि बेहतर लुक्स के लिए हेयर ट्रांसप्लांट आज एक बेहतरीन विकल्प के तौर पर उभरा है.
असावधानी से बढ़ सकता है खतरा
हेयर ट्रांसप्लांट यानी बाल उगाने का कारोबार ब्यूटी से जुड़ा जरूर लगता है लेकिन ये एक सर्जिकल प्रोसीजर है. इस कॉस्मेटिक प्रोसीजर को बहुत सावधानी से और मरीज को बेहोश करके ही किया जा सकता है. किसी भी दूसरी सर्जरी की तरह इसमें भी तमाम सावधानियां बरतने के बावजूद कॉम्प्लिकेशंस होने का खतरा बना रहता है. इसलिए अगर आप बाल उगाने के बारे में सोच रहे है तो पहले ये समझ लें कि ये सर्जरी जैसा ही काम है. ये एक लंबी प्रक्रिया है और संवेदनशील भी.
कितना आता है खर्च और लगता है कितना समय
हेयर ट्रांसप्लांट सर्जन डॉ. नवनीत हरोर के मुताबिक आमतौर पर मरीज के सिर के ही पीछे के बाल लिए जाते हैं और आगे लगा दिए जाते है. सिर पर बिल्कुल बाल न हों तो दाढ़ी या स्किन से बाल लिए जा सकते हैं. एक बाल लगाने का खर्च 40 से 100 रुपये तक आ सकता है. आमतौर पर 2 से 3 हजार बाल लगाने पड़ सकते हैं. जो बाल लगाए जाते हैं उनमें से 60-70% बाल झड़ जाते हैं, लेकिन जड़ बनी रहती है और धीरे-धीरे बाल उगने लगते हैं. ट्रांसप्लांट के नतीजे पूरी तरह से दिखने में 6 महीने से एक साल तक लग सकता है. ट्रांसप्लांट करवाने के बाद बालों की देखभाल भी जरूरी है. बालों के खास शैंपू और तेल के अलावा PRP सेशन्स लेते पड़ते हैं. इसमें मरीज के प्लाज्मा को ही सिर में inject किया जाता है.
इन लोगों को नहीं कराना चाहिए हेयर ट्रांसप्लांट