तुस्याना गांव में 2014 से 2017 के बीच हुए इस भूमि घोटाले की परतें खोलने के लिए योगी सरकार ने विशेष जांच समिति बनाई थी. अब यह समिति गांव से जुड़े सारे रिकॉर्ड खंगाल रही है. साथ ही ग्रेटर नोएडा अधिकारियों से ज्यादा से ज्यादा जानकारी एकत्र कर रही है.
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ग्रेटर नोएडा : तुस्याना गांव में 100 करोड़ की जमीन को हड़पने और गलत तरीके मुआवजा उठाने के मामले की जांच आज तेज हो गई. इस क्रम में यूपी सरकार द्वारा बनाई गई जांच कमेटी आज दोबारा यहां पहुंची. 30 मई को प्रदेश सरकार ने तीन सदस्य एसआईटी टीम बनाई थी. उत्तर प्रदेश राजस्व परिषद के अध्यक्ष संजीव मित्तल की अध्यक्षता में बनी समिति में मेरठ मंडल के कमिश्नर सुरेंद्र सिंह और ADG मेरठ को सदस्य बनाया गया है.
ग्रेटर नोएडा पहुंची एसआईटी ने आज जिलाधिकारी, ADM और ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के अधिकारियों से रिपोर्ट ली. इसके अलावा शिकायतकर्ता का पक्ष भी सुना गया. तुस्याना में सरकारी जमीन के पट्टे नियमों को ताक पर रखकर अपने नाम कराने और उस जमीन का करोड़ों रुपये का मुआवजा उठाने का आरोप है.
दरअसल तुस्याना गांव में पट्टों की जमीन की गलत तरीकों से खरीद-बिक्री की गई. आरोप है कि सरकार से मुआवजा उठाने के साथ भूखंडों का आवंटन करा लिया. शिकायत पर जब अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) ने जांच शुरू की तो घोटाले की बात सामने आई. इसके बाद डीएम ने मामले की जांच उच्चस्तरीय कमेटी से कराने की सिफारिश सरकार से की थी.
इससे पहले 9 जून को भी एसआईटी की टीम ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण आई थी. एसआईटी ने करीब 40 मिनट तक अधिकारियों के बात कर पूरे घोटाले की जानकारी ली थी. तीन घंटे तक चली बैठक में डीएम ने घोटाले से जुड़ी रिपोर्ट सौंपी.
शिकायतकर्ता डॉ. सतेंद्र भाटी ने एसआईटी टीम से मामले की पूरी जांच ईडी से जांच कराने की मांग की है. इसी दिन लखनऊ से ग्रेटर नोएडा पहुंची चकबंदी की टीम भी गौतमबुद्ध नगर पहुंची थी. टीम कलेक्ट्रेट स्थित रिकॉर्ड रूम में दिनभर डटी रही. इस दौरान अधिकारियों ने तुस्याना गांव के पुराने दस्तावेज की जांच की थी.
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