दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए पर्यावरण मंत्री गोपाल राय द्वारा 28 अक्टूबर से 'रेड लाइट ऑन गाड़ी ऑफ' अभियान की शुरुआत की जानी थी, जिसकी फाइल को LG ने मंजूरी नहीं दी.
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नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली की AAP सरकार और LG वीके सक्सेना के बीच शराब नीति को लेकर शुरू हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. एक बार फिर दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने LG पर फाइल रोकने का आरोप लगाया है. मंत्री का आरोप है कि राजधानी में बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए 'रेड लाइट ऑन गाड़ी ऑफ' अभियान को अभी तक LG की मंजूरी नहीं मिली है.
क्या है पूरा मामला
राजधानी दिल्ली में सर्दियों की शुरुआत के साथ ही तेजी से प्रदूषण भी बढ़ता है, जिसे रोकने के लिए CM केजरीवाल ने 15 सूत्रीय विंटर एक्शन प्लान लागू कर दिया है. राजधानी में फैलने वाले प्रदूषण की सबसे बड़ी वजह गाड़ियों से फैलने वाला प्रदूषण है, जिसे रोकने के लिए सरकार द्वारा 'रेड लाइट ऑन गाड़ी ऑफ' अभियान शुरू किया जाना है.
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साल 2020 में 'रेड लाइट ऑन गाड़ी ऑफ' मुहिम शुरू हुई थी. कोई भी व्यक्ति लगभग 10-12 चौराहों से गुजरकर घर पहुंचता है, लेकिन रेड लाइट पर वह गाड़ी नहीं बंद करता. रेड लाइट पर हर व्यक्ति 25-30 मिनट फ्यूल बर्न करता है, अगर वह इस दौरान अपनी गाड़ी को बंद रखे तो उससे न सिर्फ फ्यूल की खपत कम होगी साथ ही प्रदूषण में भी कमी आएगी. राजधानी के लगभग 100 चौराहों पर गांधीगीरी के माध्यम से ये मुहिम चलाई जाती है.
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पर्यावरण मंत्री ने कहा कि इस अभियान को 28 अक्टूबर से शुरू किया जाना था, जिसके लिए 21 अक्टूबर को LG के पास इसकी फाइल भेज दी गई थी. LG द्वारा अभी तक फाइल मंजूर नहीं की गई है. वो इसी शहर में रहते हैं, हर दिन कई चिट्ठी भी लिखते हैं, लेकिन कल से शुरू होने वाले अभियान की फाइल देखने का समय उनके पास नहीं है. फाइल मंजूर न होने की वजह से 'रेड लाइट ऑन गाड़ी ऑफ' मुहिम की डेट को आगे बढ़ाया जा रहा है. इसके साथ ही DPCC में नियुक्ति भी LG ने रोकी हुई है.
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