Ghaziabad News: गाजियाबाद में एक साइबर थाने का निर्माण भी किया जाएगा, इसके लिए उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से निर्देश जारी किए जा चुके हैं. गाजियाबाद कमिश्नरेट में साइबर थाना बनाने के लिए डीपीआर तैयार किया जा चुकी है.
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Ghaziabad News: गाजियाबाद पिछले कुछ वर्षों से साइबर अपराधियों का गढ़ बना हुआ है, जिससे निपटने के लिए अब गाजियाबाद पुलिस कमिश्नरेट ने कमर कस ली है. शहर में सभी जगहों पर साइबर सेल का निर्माण किया जा रहा है. पहले साइबर सेल में एक केस की सुनवाई की जाती थी, जिसके बाद संबंधित थाने को मामला दर्ज करने के लिए कहा जाता था. अब हर एक थाने में साइबर सेल का निर्माण किए जाने से किसी को साइबर सेल जाने की जरूरत नहीं होगी. संबंधित थाने में ही वह अपनी साइबर क्राइम की शिकायत दर्ज कर सकेंगे और वही उनका निस्तारण कर रिपोर्ट दर्ज की जा सकेगी. गाजियाबाद पुलिस की इस पहले से साइबर क्राइम के मामलों को रोकने में मदद मिलेगी.
साइबर थाने का निर्माण
इसके साथ गाजियाबाद में एक साइबर थाने का निर्माण भी किया जाएगा, इसके लिए उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से निर्देश जारी किए जा चुके हैं. गाजियाबाद कमिश्नरेट में साइबर थाना बनाने के लिए डीपीआर तैयार किया जा चुकी है. संस्था का चयन भी किया जा चुका है, निर्माण कार्य पूरा होते ही साइबर थाना शुरू कर दिया जाएगा.
केस रहते हैं अनसुलझे
गाजियाबाद पुलिस कमिश्नर अजय मिश्रा ने पिछले कई सालों में बढ़ते मामलों को लेकर पूछे गए सवाल पर बताया कि यहां कई ऐसे मामले हैं, जिनकी शिकायत ऑनलाइन प्राप्त होती है. उनमें छोटे मामले भी होते हैं जिसमें 30-40 रुपये से लेकर 200 रुपए तक की ऑनलाइन ठग के मामले शामिल होते हैं. ऐसे में स्वयंवादी भी उनको सुलझाने के लिए आगे नहीं आते हैं, जिससे वह केस अनसुलझे ही रह जाते हैं.
बदनामी से डरते हैं लोग
साइबर क्राइम में आजकल एक नए तरीके का अपराध देखने को मिल रहा है, जिसे अब सेक्सटॉर्शन के नाम से जाना जाता है. जब कभी भी आपके मोबाइल पर कोई वीडियो कॉल आती है तो उधर से न्यूड वीडियो शुरू हो जाता है और उसके बाद ब्लैकमेलिंग का सिलसिला. आजकल साइबर सेल में ऐसे कई मामले सामने आ रहे हैं, ऐसी शिकायतों में सबसे बड़ी दिक्कत यह आती है कि पीड़ित सामाजिक बदनामी के डर से सामने नहीं आता है, और इसी का फायदा उठाते हुए साइबर अपराधी पीड़ित को ब्लैकमेल कर पैसे ठग लेते हैं. गाजियाबाद में हर 2-3 दिन में ऐसी शिकायतें सामने आ रही हैं.
दर्ज कराएं FIR
इस दौरान पुलिस कमिश्नर अजय मिश्रा ने लोगों से अपील की कि अगर आपके साथ ऐसी कोई घटना होती है तो सामाजिक बदनामी की चिंता किए बिना पुलिस में FIR दर्ज कराएं. क्योंकि अपराधी आपकी मजबूरी का फायदा उठाकर आपको ब्लैकमेल करते हैं. इसके साथ ही किसी भी अनजान व्यक्ति का वीडियो कॉल उठाने से भी बचें.
कई तरीके से करते थे ठगी
वहीं जब ZEE MEDIA की टीम ने साइबर सेल में साइबर क्राइम के शिकार लोगों से बात की तो समझ आया कि कैसे शातिर ठग मासूम और भोले-भाले लोगों को अपना शिकार बनाते हैं. कभी ऑनलाइन संस्था का नंबर सर्च करने पर गलत बुकिंग करने के नाम पर लोगों को ठगी का शिकार बनाया गया तो कभी पैसों को दोगुना करने की लालच देकर लोगों को ठगा गया.
Input- Piyush Gaur