Ghaziabad: गाजियाबाद नगर निगम ने अपने वाहनों की जीपीएस मॉनिटरिंग के लिए कंट्रोल सेंटर की शुरुआत की है. यह कदम ट्रैफिक नियंत्रण को बेहतर बनाने और नियमों के उल्लंघन को रोकने के लिए उठाया गया है.
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Ghaziabad News: गाजियाबाद नगर निगम ने अपने वाहनों की जीपीएस मॉनिटरिंग के लिए कंट्रोल सेंटर की शुरुआत की है. यह कदम ट्रैफिक नियंत्रण को बेहतर बनाने और नियमों के उल्लंघन को रोकने के लिए उठाया गया है. नगर निगम अब ट्रैफिक कंट्रोल सेंटर भी स्थापित करने जा रहा है, जिससे शहर के ट्रैफिक को सुचारू रूप से व्यवस्थित किया जा सकेगा. इसके माध्यम से ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहनों के चालान की प्रक्रिया भी शुरू की जाएगी.
नए ट्रैफिक कंट्रोल सेंटर में छोटी और बड़ी रेड लाइट्स को मॉनिटर किया जाएगा. इसके साथ ही नई ट्रैफिक लाइट्स भी विकसित की जाएंगी. नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहनों के खिलाफ ऑनलाइन चालान की प्रक्रिया लागू की जाएगी. यह सभी प्रक्रियाएं ऑनलाइन होंगी, जिससे ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन पर नजर रखने और कार्रवाई करने में मदद मिलेगी. पहले चरण में, 41 सिग्नल पर ट्रैफिक मॉनिटरिंग कार्य शुरू किया जाएगा. इसमें ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकॉग्निशन कैमरे, रेड लाइट वायलेशन डिटेक्शन कैमरे और फेस रिकॉग्निशन कैमरे लगाए जाएंगे. यह सभी उपाय ट्रैफिक व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए आवश्यक हैं.
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कंट्रोल रूम सेंटर से पर्यावरणीय मॉनिटरिंग और ठोस कचरा प्रबंधन को भी ऑटोमेटिक रूप से सुचारू किया जाएगा. 1 फरवरी से इस कार्य की शुरुआत की जाएगी और छह महीने में यह पूरी तरह से लागू हो जाएगा. गाजियाबाद नगर निगम ने अपनी 650 डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन गाड़ियों की मॉनिटरिंग भी शुरू कर दी है. इस परियोजना का खर्च सीएसआर फंड और प्राइवेट वेंडर से लिया गया है. नगर निगम का उद्देश्य ईंधन और समय की बचत करना है, साथ ही यह सुनिश्चित करना है कि हर घर से कूड़ा कलेक्ट किया जाए. इससे योजना की गुणवत्ता बनी रहेगी.
नगर निगम ने अपने कंट्रोल रूम सेंटर से 1500 से ज्यादा कैमरों को जोड़ा है. इन कैमरों का एक हफ्ते से ज्यादा का बैकअप नगर निगम अपने पास रखेगा. स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के अंतर्गत, नगर निगम 350 से ज्यादा नए कैमरे लगाने जा रहा है. इनमें से 70 कैमरे वाहनों की नंबर प्लेट को आसानी से पढ़ सकेंगे. मुख्यमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना सेफ सिटी प्रोजेक्ट के तहत, नगर निगम 1500 कैमरों के अतिरिक्त 6000 सीसीटीवी कैमरे लगाने की योजना बना रहा है. यह कैमरे एक हफ्ते तक डेटा सुरक्षित रखेंगे, जिससे नगर निगम को अपराधियों की पहचान में मदद मिलेगी.