चिराग योजना के खिलाफ स्कूली छात्रों का गुस्सा फूटा, आखिर क्यों हो रहा सरकारी मुहिम का विरोध?
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चिराग योजना के खिलाफ स्कूली छात्रों का गुस्सा फूटा, आखिर क्यों हो रहा सरकारी मुहिम का विरोध?

हरियाणा सरकार (Haryana Government) समाज के सभी वर्ग के बच्चों का बेहतर शिक्षा के माध्यम से समग्र विकास के लिए प्रयासरत है, लेकिन सरकार की चिराग योजना (Chirag Yojana) का प्रदेश के कुछ हिस्सों में विरोध शुरू हो गया है.

चिराग योजना के खिलाफ स्कूली छात्रों का गुस्सा फूटा, आखिर क्यों हो रहा सरकारी मुहिम का विरोध?

गगन रुखाया/फतेहाबाद : हरियाणा सरकार (Haryana Government) समाज के सभी वर्ग के बच्चों का बेहतर शिक्षा के माध्यम से समग्र विकास के लिए प्रयासरत है, लेकिन सरकार की चिराग योजना (Chirag Yojana) का प्रदेश के कुछ हिस्सों में विरोध शुरू हो गया है. फतेहाबाद में रतिया के गवर्नमेंट मॉडल संस्कृति सीनियर संस्कृति स्कूल के गेट पर शहीद भगत सिंह नौजवान सभा और हरियाणा छात्र यूनियन (Haryana Student Union)  के बैनर तले स्कूली छात्रों और अभिभावकों ने धरना प्रदर्शन किया. 

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चिराग योजना के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई. इस दौरान गुरमेल सिंह और गुरदीप शेरगढ़ समेत अन्य लोगों का कहना था कि लंबे समय से बच्चों को किताबें उपलब्ध नहीं करवाई गई हैं, जबकि सितंबर में बच्चों के पेपर होने हैं. वहीं बच्चों का वजीफा भी उन्हें नहीं मिल रहा है. सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के हजारों पद खाली पड़े हैं, जो कि भरे नहीं जा रहे हैं. कई जगह पर सरकारी स्कूलों की बिल्डिंग खस्ताहाल है. पीने के पानी की व्यवस्था तक नहीं है.

योजना को वापस लेने की मांग 

प्रदर्शन कर रहे लोगों का कहना है कि सरकार शिक्षा को प्राइवेट हाथों में सौंपना चाहती है, इसीलिए भिवानी बोर्ड को तोड़कर स्कूलों को सीबीएसई (CBSE) के अंतर्गत देने जा रही है. बच्चों के भविष्य के साथ बहुत बड़ा खिलवाड़ है. सरकार मजदूरों व आम जनता के बच्चों को शिक्षा से वंचित रखना चाहती है.

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प्राइवेट स्कूलों को फायदा पहुंचाने के लिए चिराग योजना लेकर आई है, जिसका शहीद भगत सिंह नौजवान सभा विरोध करती है. यदि आने वाले भविष्य में इस योजना को वापस न लिया गया तो संघर्ष को और भी तेज किया जाएगा. बाद में अधिकारियों के माध्यम से ज्ञापन भी सौंपा. 

क्या है चिराग योजना 

प्रदेश के आर्थिक रूप से कमजोर अभिभावकों के बच्चों के लिए हरियाणा सरकार द्वारा चिराग योजना शुरू की गई है. इसके अंतर्गत निजी विद्यालयों की सहमति से ऐसे बच्चे जिनके अभिभावकों की वार्षिक आय 1.80 लाख रुपये से कम है और बच्चे सरकारी विद्यालयों में पढ़ रहे हैं, ऐसे छात्रों के दाखिले निजी स्कूलों में कक्षा दूसरी से 12वीं तक किए जाएंगे.

योजना के तहत कक्षा दूसरी से पांचवीं तक प्रति छात्र 700 रुपये, कक्षा छह से आठवीं तक प्रति छात्र 900 रुपये और कक्षा नौ से 12वीं तक प्रति छात्र 1100 रुपये प्रतिमाह की दर से प्रतिपूर्ति राशि या फार्म छह में घोषित शुल्क राशि में से जो भी कम होगी, वह विद्यालयों को अदा की जाएगी.

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