परिवार पहचान पत्रः दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर लोग, नहीं हो रही कहीं सुनवाई
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परिवार पहचान पत्रः दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर लोग, नहीं हो रही कहीं सुनवाई

फैमिली आईडी में हुई गलतियों को ठीक करवाने के लिए दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर लोगों का कहना है कि जब वह है सीएससी सेंटर पर जाते हैं, तो वह बोलते हैं कि साईट का सर्वर नहीं चल रहा आप BDPO  कार्यालय में जाएं. जब BDPO कार्यालय में जाते हैं तो...

परिवार पहचान पत्रः दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर लोग, नहीं हो रही कहीं सुनवाई

विपिन शर्मा/कैथलः एक तरफ हरियाणा सरकार जहां ट्रिपल पी यानी (परिवार पहचान पत्र) को लागू कर सभी सेवाओं का डिजिटलाइजेशन की बात कर रही है, तो वहीं दूसरी ओर इस डिजिटलाइजेशन का खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है, जी हां... हम बात कर रहे हैं परिवार पहचान पत्र (family identity card) की जिसके माध्यम से सरकार ने पहले आयुष्मान कार्ड (Ayushman Card) और आप गुलाबी व पीले राशन कार्ड (ration card) बनाने की योजना चलाई है जिसमें अब बड़ी खामियां भी सामने आ रही है.

वहीं सरकार द्वारा परिवार पहचान पत्र में आई तकनीकी खामियों को दूर करने के लिए राज्य के सभी BDPO कार्यालयों में 3 जनवरी से 6 जनवरी तक कैंप लगाकर उन्हें हटाने की बात की जा रही है. परंतु हैरान कर देने वाली बात यह है कि सरकार द्वारा जिन अधिकारी व कर्मचारियों को इन त्रुटियों की ठीक करने की जिम्मेवारी दी गई हैं. वह अधिकारी ही खुद सभी कार्य कर रहे हैं कि इनकम कम या ज्यादा करने का उनके पास कोई भी विकल्प नहीं है. यह पूरा सिस्टम चंडीगढ़ से चलता है और वही से ठीक होगा.

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परंतु इतनी ठंड में भी लोग अपनी फैमिली आईडी में हुई गलतियों को ठीक करवाने के लिए दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं.  लोगों का कहना है कि जब वह है सीएससी सेंटर पर जाते हैं, तो वह बोलते हैं कि साईट का सर्वर नहीं चल रहा आप BDPO  कार्यालय में जाएं. जब BDPO कार्यालय में जाते हैं तो वह बोलते हैं कि आप एडीसी कार्यालय में जाएं और जब वह एडीसी कार्यालय में जाते हैं तो वहां से जवाब मिलता है कि यह पूरा सिस्टम चंडीगढ़ से चलता है और वहीं से ही ठीक होगा हमने आगे रिक्वेस्ट भेज दिया.

पहला मामला:-

BDPO कार्यालय सीवन में लगे कैंप में अपनी फैमिली आईटी की गलती ठीक करवाने वाले पवन कुमार ने बताया कि फैमली आईडी में उनके दो बच्चों की वार्षिक आय 15 हजार रुपये दिखाई हुई है. जबकि उनकी उम्र 5 साल से भी कम है फिर भी उनका पीला राशन कार्ड काट दिया गया, जिस कारण अब उनको सरकारी राशन नहीं मिल रहा इसको ठीक करवाने के लिए वह कई दिनों से सरकारी कार्यालयों के चक्कर लगा रहे हैं. परंतु आज तक भी उनकी समस्या का कोई समाधान नहीं हुआ.

दूसरा मामला:-

वही कैंप में अपनी इनकम ठीक करवाने आए धर्मपाल ने बताया कि उनके पास 80 हजार रुपये वार्षिक आय का इनकम सर्टिफिकेट है और उनके पास कमाई का कोई साधन भी नहीं है. इसके बावजूद भी उनका परिवार पहचान पत्र में उनकी इनकम 5 लाख रुपये  दिखाई गई है, जिस कारण अब उनका बीपीएल राशन कार्ड कट गया है जिस को ठीक करवाने के लिए वह दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं. परंतु कहीं पर भी उनकी समस्या का समाधान नहीं हो रहा.

आपको बता दें कि इस पूरे मामलों को लेकर जब हमने, फैमिली आईडी का कार्य देख रहे डिस्टिक मैनेजर को जब भी समस्या के बारे में बताया गया तो उन्होंने कैमरे पर बोलने से मना कर दिया और अपना पल्ला झाड़ते हुए कहा कि हमारे यहां पर जो भी शिकायतें आ रही हैं हम उनको अपने मुख्यालय में भेज रहे हैं वहीं से इनको ठीक किया जाएगा.

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