हरियाणा में बिजली चोरी का बड़ा मामला सामने आया है, जिसके बाद बिजली चोरी मामले में दोषियों से 378.33 करोड़ रुपये का जुर्माना भी वसूला गया है. निगम की कार्यवाही पर किसानों का गुस्सा सामने आया है.
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देवेंद्र भारद्वाज/गुरुग्रामः हरियाणा में पिछले पांच सालों में 706.82 करोड़ रुपये की बिजली चोरी का पता चला है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि इनमें से बिजली चोरी के दोषी पाए गए लोगों से 378.33 करोड़ रुपये का जुर्माना भी वसूला गया है. दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम (DHBVN) के प्रबंध निदेशक (एमडी) पीसी मीणा ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में पिछले माह तक 51.21 करोड़ रुपये की बिजली चोरी हुई और 31.22 करोड़ रुपये का जुर्माना वसूला गया है.
एमडी की रिपोर्ट के अनुसार, तकनीकी हस्तक्षेप और चोरी का पता लगने से डिस्कॉम ने तकनीकी और वितरण घाटे को काफी कम कर लिया है. उन्होंने बताया कि वित्त वर्ष 2021-22 में 156.65 करोड़ रुपये की बिजली चोरी पाई गई और 78.70 करोड़ रुपये का जुर्माना वसूला गया. बिजली कंपनी की टीम द्वारा 1,81,078 उपभोक्ताओं के बिजली मीटरों की जांच की गई और 45,470 लोगों को बिजली चोरी करते हुए पकड़ा गया.
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चोरी की बिजली सूचना मिलते ही इस नंबर पर करें संपर्क
उन्होंने कहा कि इस संबंध में 42,501 प्राथमिकी दर्ज की गई हैं. मीण ने कहा "बिजली चोरी कानूनन अपराध है और उन उपभोक्ताओं के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है, जिन्होंने बिजली चोरी के लिए बकाया जुर्माना जमा नहीं किया है. बिजली चोरी के लिए जुर्माना और सजा का प्रावधान है. डीएचबीवीएन ने एक पोर्टल लॉन्च किया है और मुखबिरों को इनाम दे रहा है." उन्होंने कहा कि अगर किसी व्यक्ति को बिजली चोरी की सूचना मिलती है, तो वह टोल फ्री नंबर 18001801011 पर कॉल कर बिजली चोरी रोकने में अपना योगदान दे सकता है.
बिजली चोरी होने पर निगम की कार्यवाही पर भड़के किसान
तो वहीं, रादौर के गांव गुमथला व इंद्री के गांव चोंगावा में बिजली निगम द्वारा बिजली चोरी के पकड़े गए मामलों को लेकर आज भारतीय किसान यूनियन भड़क गई. दोनों गांव के किसानों ने आज भारतीय किसान यूनियन चढूनी गुट के नेतृत्व में निगम कार्यालय पर प्रदर्शन किया. किसानों का आरोप था कि निगम के कर्मचारियों द्वारा बिजली चोरी के झूठे केस बनाए है.
भाकियू इंद्री के ब्लाक प्रधान मनजीत चौगांवा ने बताया कि रविवार को बिजली निगम के कर्मचारियों ने गुमथला व चौगांवा के किसानों पर बिजली चोरी के झूठे मामले बनाए है. किसानों द्वारा अपने खेतों में जनरेटर के माध्यम से सिंचाई की जा रही थी, लेकिन निगम कर्मचारियों ने अपने आप मोटरों में बिजली की तारे जोड़कर किसानों को बिजली चोरी के झूठे केस में फंसाया गया है, उन्होंने साफ कर दिया है कि जब तक किसानों पर झूठे केसों को रद्द नहीं किया जाता, तब तक वे अपना धरना जारी रखेंगे.
आपको बता दें कि इस बारे में बिजली निगम रादौर के एसडीओ पंकज देशवाल ने बताया कि किसानों द्वारा चोरी के झठे केस बनाने के आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है. उस क्षेत्र से उनके पास बिजली चोरी की कई शिकायते भी आ रही थी, जिसके बाद टीम कार्यवाही करने गई थी, तो मौके पर बिजली चोरी पकड़ी गई है. उन्होंने कहा की इस मामले में नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी.