Amazon, Flipkart समेत ई-कॉमर्स कंपनियों की मनमानी के खिलाफ दिल्ली में प्रदर्शन
Advertisement
trendingNow0/india/delhi-ncr-haryana/delhiharyana1598252

Amazon, Flipkart समेत ई-कॉमर्स कंपनियों की मनमानी के खिलाफ दिल्ली में प्रदर्शन

अमेजन एवं फ्लिपकार्ट जैसी विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों की मनमानी के खिलाफ आज व्यापारियों ने दिल्ली के घंटाघर, चांदनी चौक पर अमेजन और फ्लिपकार्ट के पुतले जलाकर प्रदर्शन किया. 

Amazon, Flipkart  समेत ई-कॉमर्स कंपनियों की मनमानी के खिलाफ दिल्ली में प्रदर्शन

नई दिल्ली: सरकार की FDI नीति के उल्लंघन और अमेज़न एवं फ्लिपकार्ट जैसी विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों की मनमानी के खिलाफ आज कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने प्रदर्शन किया. व्यापारियों ने दिल्ली के घंटाघर, चांदनी चौक पर अमेज़न और फ्लिपकार्ट के पुतले जलाकर होलिका दहन किया. CAIT के आह्वान पर देश के अलग-अलग राज्यों के 300 से अधिक शहरों में व्यापारिक संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया. 

कैट ने सरकार से उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत ई-कॉमर्स नियमों को तुरंत लागू करने की मांग की है. साथ ही यह भी आग्रह किया कि सेबी और ट्राई की तर्ज पर ई-कॉमर्स व्यापार को रेगुलेट करने के लिए एक सशक्त नियामक प्राधिकरण का भी गठन किया जाए.

देश में ई-कॉमर्स व्यवसाय की प्रकिया को विकृत करने के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते हुए दिल्ली के प्रमुख व्यापारिक संगठनों से जुड़े व्यापारियों ने बड़ी संख्या में चांदनी चौक के घंटाघर में एकत्रित होकर और हाथों में अमेज़न और फ्लिपकार्ट दोनों के पुतले जलाए. पुतलों में एमेजॉन के जेफ बेजोस और वॉलमार्ट के डग मैकमिलन के चेहरे चिपकाये गए थे, जो व्यापारियों के जबरदस्त गुस्से को बता रहे थे.

कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने दोनों पुतलों को मुखाग्नि देते हुए कहा की यह अन्य ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए भी एक चेतावनी है. जो न केवल सामानों की आपूर्ति में बल्कि खाद्यान,ट्रेवल और पर्यटन, मनोरंजन, कैब सेवाएं, टिकटिंग, खाद्य पदार्थों की डिलीवरी, दवाओं की ऑनलाइन डिलीवरी, शिक्षा एवं ऑनलाइन गेम सहित अन्य रिटेल क्षेत्रों में अपनी मनमानी करते हुए व्यापारियों के व्यापार को नुक्सान पहुंचा रही हैं. CAIT अन्य राष्ट्रीय स्तर के संगठनों के साथ मिलकर यह सुनिश्चित करेगा कि ऐसी ई-कॉमर्स कंपनियां या तो नियमों का पालन करें या अपनी व्यावसायिक गतिविधियों को भारत में बंद कर दें.

CAIT के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं राष्ट्रीय महामंत्री ने सरकार से ई-कॉमर्स कंपनियों के व्यापार मॉड्यूल की जांच करने काआग्रह किया. हर कंपनी साल दर साल अपने व्यापार में भारी नुकसान दिखा रही है, लेकिन उसके बावजूद भी देश में अपनी व्यावसायिक गतिविधियों को जारी रखे हुए हैं. ये कंपनियां रॉयल्टी के रूप में भारी पैसा अपने मूल देशों में स्थानांतरित कर रही हैं और भारत में घाटा दिखाकर टैक्स देने से मुहं चुरा रही हैं.

खंडेलवाल ने कहा कि ई-कॉमर्स नीति एवं ई-कॉमर्स के नियमों को लागू करने का मामला लंबे समय से लंबित है. जब अन्य सभी व्यवसायों के लिए नियम और कानून बनाए गए हैं तो ई-कॉमर्स के लिए नियम-कानून क्यों नहीं बनाए जा रहे हैं. नियम-कानून के अभाव में ई-कॉमर्स कंपनियां देश के खुदरा व्यापार को काफी हद तक नुकसान पहुंचा रही हैं. अगर आवश्यक कदम नहीं उठाए गए, तो वह दिन दूर नहीं जब देश के खुदरा व्यापार का एक बड़ा हिस्सा विदेशी कंपनियों द्वारा कब्जा कर लिया जाएगा.

खंडेलवाल ने कहा कि ई-कॉमर्स के कारण देश का खुदरा और थोक व्यापार बुरी तरह प्रभावित हुआ है. खासकर मोबाइल और मोबाइल एक्सेसरीज, किराना, मसाले, एफएमसीजी उत्पाद, गिफ्ट आइटम, रेडीमेड गारमेंट्स, जूते , चश्मा, घड़ियां, फार्मेसी, इलेक्ट्रॉनिक्स, फर्नीचर, होम फर्निशिंग, खिलौने, सब्जियां, सूखे मेवे, खाने का सामान, रसोई के उपकरण, बिल्डर हार्डवेयर, कार्यालय उपकरण, स्टेशनरी, कागज, बिजली के सामान आदि. उन्होंने यह भी कहा कि अगर यही स्थिति बनी रही तो ये कंपनियां अपनी मनमानी कर बाकी के सारे धंधे अपने हाथ में ले लेंगी. CAIT ने सरकार से देश में करोड़ों लोगों की आजीविका से जुड़े इस गंभीर मुद्दे पर तत्काल संज्ञान लेने का आह्वान किया है.