Delhi News: सौरभ भारद्वाज ने कहा कि ईडी और सीबीआई का यह सिद्धांत नहीं होता कि किसी भी प्रकार से अरविंद केजरीवाल को दोषी साबित करना है, लेकिन जिस प्रकार से सीबीआई और ईडी ने काम किया और उस संबंध में अरविंद केजरीवाल ने जो साक्ष्य रखे हैं.
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Delhi News: आम आदमी पार्टी मुख्यालय में हुई प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं कैबिनेट मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि 29 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा उनकी गिरफ्तारी को दी गई चुनौती वाली याचिका पर सुनवाई होनी. उन्होंने बताया कि इस संबंध में अरविंद केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामे के जरिए अपना पक्ष रखा है.
झूठे मुकदमे में किया गिरफ्तार
उन्होंने बताया कि हलफनामे में अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जब देश के अंदर देश के सबसे बड़ा चुनाव है. चुनाव आयोग द्वारा आचार संहिता की घोषणा की जा चुकी है और उसके 5 दिन के अंतराल में इस देश की मुख्य विपक्षी एवं राष्ट्रीय पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अरविंद केजरीवाल को एक झूठे मुकदमे में गिरफ्तार किया गया. सौरभ भारद्वाज ने बताया कि ईडी और सीबीआई के बारे में अरविंद केजरीवाल ने अपने हालतनामे में कहा है कि जांच एजेंसियों का काम होता है सच्चाई को कोर्ट के सामने रखना.
सीबीआई चाहती है किसी प्रकार से दोषी साबित करना
उन्होंने कहा कि ईडी और सीबीआई का यह सिद्धांत नहीं होता कि किसी भी प्रकार से अरविंद केजरीवाल को दोषी साबित करना है, लेकिन जिस प्रकार से सीबीआई और ईडी ने काम किया और उस संबंध में अरविंद केजरीवाल ने जो साक्ष्य रखे हैं. ऐसे में अगर एक लाख पन्नों के दस्तावेज अगर सीबीआई और ईडी को मिले और उसमें 80000 दस्तावेज अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के पक्ष में है तो उन 80000 दस्तावेजों को अदालत के सामने नहीं रखा गया. केवल वही दस्तावेज जो लोगों पर दबाव डालकर, लोगों को जेल में बंद करके, लोगों को जमानत का लालच देकर, माफीनामा का लालच देकर, लोगों को एनडीए की तरफ से चुनाव लड़ने का टिकट का लालच देकर जो गवाहियां ली गईं केवल और केवल वही गवाहियां कोर्ट के समक्ष ईडी और सीबीआई द्वारा रखी गईं.
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दवाब में ली गई गवाहियां
उन गवाहों में जिन लोगों ने अपनी पिछली 6-8 बार की गवाहियों में इस बात को स्वीकार किया था कि मैं अरविंद केजरीवाल से कभी नहीं मिला और इस आबकारी पॉलिसी से अरविंद केजरीवाल जी का कोई लेना-देना नहीं है, उन सभी गवाहियों को कोर्ट से छिपाया गया और जो दबाव में प्रताड़ित करके उन लोगों से गवाहियां ली गईं. केवल वही गवाहियां कोर्ट के समक्ष ईडी और सीबीआई द्वारा प्रस्तुत की गईं. उन्होंने कहा कि ईडी और सीबीआई को संविधान ने यह अधिकार नहीं दिया है.