Delhi Demolition Drive: आया नगर में चला वन विभाग का बुलडोजर, AAP नेता ने कहा कोर्ट से लेंगे इंसाफ
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Delhi Demolition Drive: आया नगर में चला वन विभाग का बुलडोजर, AAP नेता ने कहा कोर्ट से लेंगे इंसाफ

Aya Nagar Demolition Drive: लोगों का कहना है कि यहां पिछले कई वर्षों से रह रहे हैं. इस जमीन को खरीदा है. जब यहां जमीन खरीदी तो किसी ने भी यह नहीं बताया कि यह वन विभाग की जमीन है. प्रशासन ने हमें कल रात को नोटिस दिया और अगले ही सुबह मकानों को तोड़ने के लिए आ गए. आप नेता ने कहा कि घरों को बचाने के लिए पूरी कोशिश कर रहे हैं और लोगों को इंसाफ कोर्ट से दिलाने की तैयारी में है.

Delhi Demolition Drive: आया नगर में चला वन विभाग का बुलडोजर, AAP नेता ने कहा कोर्ट से लेंगे इंसाफ

Delhi News: घर टूटने के डर से घर को बचाने के लिए आम लोग पुलिस से भिड़ गए. घंटो तक चला ड्रामा और आखिर में डेमोलेशन ड्राइव से एक दिन की राहत मिली. फॉरेस्ट विभाग द्वारा दक्षिणी दिल्ली के आया नगर इलाके में सोमवार को डेमोलेशन ड्राइव चलाया गया, जिसमें कई घरों को तोड़ दिया गया. दूसरे दिन एक बार फिर डेमोलेशन का दस्ता घरों को तोड़ने के लिए आया था. जहां गुस्साए लोगों के आक्रोश ने दूसरे दिन डेमोलेशन को नहीं होने दिया.

पूरे देशभर में जहां एक तरफ लोकसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक पार्टियां तैयारी में जुटी हुई है. वहीं राजधानी दिल्ली में भी लोकसभा चुनाव को लेकर सरगर्मी तेज हो गई है. जहां एक तरफ लोकसभा चुनाव नजदीक आते जा रहे हैं और किसी भी दिन चुनाव के तारीखों की घोषणा हो सकती है, दूसरी तरफ दिल्ली में बुलडोजर भी रुकने का नाम नहीं ले रहा है. जहां मंगलवार को संगम विहार इलाके में वन विभाग की जमीन पर बने दर्जनों आशियानों को बुलडोजर में ढहा दिया. वहीं आया नगर में भी वन विभाग की जमीन पर सैकड़ों की संख्या में बने मकानों को बुलडोजर में जमींदोज कर दिया. आया नगर में रहने वाले लोग प्रशासन के आगे गुहार लगाते रहे, लेकिन उनकी एक न सुनी गई और खून पसीने की कमाई से बनाए गए आशियानों पर बुलडोजर चला दिया गया.

इसी क्रम में आज फिर से आया नगर वन विभाग की जमीन पर बने मकानों को तोड़ने के लिए जब प्रशासन आया तो लोगों ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया. सुबह से ही लोग रोड ब्लॉक कर बैठे हुए थे. बुलडोजर को अंदर नहीं घुसने दिया जा रहा था. आज एक बार फिर से दर्जनों घरों को बुलडोजर के द्वारा जमींदोज किया जाना था, लेकिन यह कार्रवाई आज नहीं हो सकी क्योंकि लोग अपने आशियाना को बचाने के लिए किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार है. 

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लोगों ने बताया कि हम यहां पिछले कई वर्षों से रह रहे हैं. हमने इस जमीन को खरीदा है. पूरे जीवनभर की कमाई इस जमीन में लगाई है. जब हमने यहां पर जमीन खरीदी थी तो किसी ने भी हमें यह नहीं बताया कि यह वन विभाग की जमीन है. हमें तमाम सुविधाएं देने से पहले प्रशासन को यह बताना चाहिए था कि यह अवैध जमीन है. आखिरकार प्रशासन तब कहां सोया हुआ था जब यहां पर प्लॉट काटे जा रहे थे और तो और प्रशासन ने हमें कल रात को ही नोटिस दिया और अगले ही सुबह हमारे मकानों को तोड़ने के लिए आ गए. यह कहां का इंसाफ है. हमारे बच्चों के एगजाम चल रहे हैं, अब हम जाएं तो जाएं कहां.

स्थानीय आम आदमी पार्टी के नेता और पूर्व निगम पार्षद के प्रत्याशी रमेश अंबावता ने कहा कि वह इन लोगों के घरों के बचाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं. उन्होंने दावा किया के स्थानीय विधायक और आम आदमी पार्टी इन लोगों के घरों को बचाने के लिए पूरी कोशिश कर रही है और इन लोगों को इंसाफ कोर्ट से दिलाने की तैयारी में है. वहीं नेता ने इस पूरे डिमोलिशन को लेकर केंद्र सरकार के ऊपर कई आरोप लगाए. 

Input: Mukesh Singh

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