सरकार के खिलाफ एक बार फिर किसानों का हल्ला बोल, दिल्ली में जुटेंगे 200 से ज्यादा संगठन
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सरकार के खिलाफ एक बार फिर किसानों का हल्ला बोल, दिल्ली में जुटेंगे 200 से ज्यादा संगठन

MSP पर सरकार द्वारा अभी तक कमेटी का गठन नहीं किए जानें के विरोध में आज एक बार फिर 200 से ज्यादा किसान संगठनों के नेता आउटर दिल्ली में इकट्ठा होंगे और सरकार तक अपनी बात पहुंचाएंगे. 

सरकार के खिलाफ एक बार फिर किसानों का हल्ला बोल, दिल्ली में जुटेंगे 200 से ज्यादा संगठन

Farmers Protest: न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को लेकर सरकार द्वारा अभी तक कमेटी का गठन नहीं किया गया है, जिसके बाद आज एक बार फिर आउटर दिल्ली में 200 से ज्यादा किसान संगठनों के नेता एकत्रित होंगे. ये 7-9 अक्टूबर तक दिल्ली में बैठक करेंगे, इस बैठक के द्वारा वो बिना किसी हंगामें के सरकार तक अपनी बात पहुंचाने का प्रयास करेंगे. साथ ही आगे के प्लान पर भी चर्चा करेंगे. 

वीएम सिंह के नेतृत्व में जुटेंगे किसान
आज आउटर दिल्ली में 200 से ज्यादा किसान संगठन के नेता एकत्रित होंगे, ये सभी वीएम सिंह के नेतृत्व में बैठक में शामिल होंगे. इस बैठक का उद्देश्य सरकार द्वारा MSP को लेकर कमेटी न बनाने पर अपना विरोध जताना है. इससे पहले भी किसान जंतर-मंतर पर एकत्रित होकर MSP पर कानून सहित सरकार से कई अन्य मांगे कर चुके हैं. 3 दिनों की बैठक में किसान शांतिपूर्वक तरीके से अपनी आवाज उठाएंगे लेकिन सरकार द्वारा मांग न माने जाने पर वो आगे भी बढ़ सकते हैं. 

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MSP क्या है?
केंद्र सरकार द्वारा फसलों की एक न्यूनतम कीमत तय की जाती है, जिसे MSP कहते हैं. इससे बाजार में फसल की कीमत गिर जाने के बाद भी किसानों को कोई नुकसान नहीं होता, सरकार तय कीमत के आधार पर ही फसल की खरीद करती है. 

इन फसलों पर मिलती है MSP
अनाज- धान, गेहूं, बाजरा, मक्का, ज्वार, रागी, जौ. 
दालें- चना, अरहर, मूंग, उड़द, मसूर.
तिलहन फसलें- मूंग, सोयाबीन, सरसों, सूरजमुखी, तिल, काला तिल, कुसुम.
अन्य फसलें- गन्ना, कपास, जूट, नारियल.

किसानों की मांग
किसानों की मांग है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर कानून बनाया जाए, MSP से कम कीमत पर फसल की खरीद को अपराध घोषित किया जाए. साथ ही MSP पर सरकारी खरीद लागू रहे और जो फसलें MSP के दायरे में नहीं हैं, उन्हें भी MSP के दायरे में लाया जाए. 

 

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