NCRB Report 2022: महिलाओं के लिए दिल्ली सबसे अनसेफ, क्रूर पति भी सबसे ज्यादा यहीं पर
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NCRB Report 2022: महिलाओं के लिए दिल्ली सबसे अनसेफ, क्रूर पति भी सबसे ज्यादा यहीं पर

 दिल्ली में एक साल में अपराधिक मामलों में 40% की वृद्धि हुई है, जिसमें अपहरण- 3948, पतियों के द्वारा क्रूरता-4674 और बलात्कार- 833 बलात्कार के मामले शामिल हैं. औसतन दिल्ली में हर दिन दो लड़कियों के साथ रेप के केस दर्ज किए गए. 

NCRB Report 2022: महिलाओं के लिए दिल्ली सबसे अनसेफ, क्रूर पति भी सबसे ज्यादा यहीं पर

NCRB Report 2022: राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की तरफ जारी नई रिपोर्ट के आकड़ें बेहद चौंकाने वाले हैं. राजधानी दिल्ली में एक साल में अपराधिक मामलों में 40% की वृद्धि हुई है, 2021 में महिलाओं के खिलाफ अपराध के 13,892 मामले दर्ज किए गए. इसके साथ ही राजधानी देश का सबसे असुरक्षित शहर रहा, यहां हर दिन 2 नाबालिग लड़कियों के साथ रेप हुआ. 

महानगरों की स्थिति
NCRB की ताजा रिपोर्ट के अनुसार अपराध के मामले में 19 महानगरों में  32.20% के साथ दिल्ली का पहला नंबर है, इसके बाद मुंबई में 12.76% और बेंगलुरु में  7.2% है. राजधानी में साल 2021 में सबसे जयादा अपराधिक मामले दर्ज किए गए, जिसमें अपहरण- 3948, पतियों के द्वारा क्रूरता-4674 और बलात्कार- 833 बलात्कार के मामले शामिल हैं. औसतन दिल्ली में हर दिन दो लड़कियों के साथ रेप के केस दर्ज किए गए. 

हत्या के मामलों में कमी
साल 2020 की तुलना में दिल्ली में हत्या के मामलों में कुछ कमी दर्ज की गई है. 2019 में 500 मामले, 2020 में 461 और 2021 में  454 हत्या के मामले दर्ज किए गए.  

मनीष सिसोदिया ने पीएम मोदी पर साधा निशाना
NCRB की रिपोर्ट के आधार पर दिहाड़ी मजदूरी करने वालों के सुसाइड के मामले 1 साल में 11.52% बढ़े हैं, जिसके बाद दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि जनता की चुनी हुई सरकारें गिराने में अतिव्यस्त प्रधानमंत्री थोड़ा वक्त  देश में, त्राहि-त्राहि कर, आत्महत्या पर मजबूर जनता के लिए भी दे दीजिए. 

 

महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल का ट्वीट
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने भी ट्वीट करते हुए कहा कि 'NCRB के आंकड़ों के अनुसार 2021 में महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराध 41% बढ़ गए. बच्चों के खिलाफ अपराध 32% बढ़ गए. ये गहरी चिंता का विषय है. आज देश की हर पार्टी हर सरकार को महिला सुरक्षा को चुनावी घोषणापत्र से निकालकर जमीन पर हकीकत बनाने के लिए साथ मिलकर कठोर कदम उठाने चाहिए'.

 

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