Delhi Crime: कंझावला इलाके में युवती को कार से खसीटने के मामले में सातवें आरोपी अंकुश ने सरेंडर कर दिया है. अब तक की जांच में निधि की भूमिका पर भी कई सवाल उठ रहे हैं, क्योंकि वह 2020 में ड्रग्स केस में गिरफ्तार की जा चुकी है.
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Kanjhawala Kand: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के कंझावला इलाके में युवती को कार से टक्कर मारने और कई किलोमीटर घसीटे जाने का मामला फंसता सा जा रहा है. शुरुआत में पुलिस ने केस से जुड़े जो दावे किए थे, उनसे इतर कहानी अब निकलकर सामने आ रही है. इस बीच मारी गई युवती अंजलि के दोस्त नवीन ने एक बड़ा खुलासा किया है.
उसने बताया है कि 31 दिसंबर की रात होटल में पैसों को लेकर अंजलि (Anjali) और निधि (Nidhi) में झगड़ा हुआ था. इससे पहले नवीन ने निधि को अंजलि के साथ कभी नहीं देखा था, जबकि पुलिस की पकड़ में आने के बाद निधि ने अपने बयान में खुद का परिचय अंजलि की सहेली के रूप में दिया था. हालांकि मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक निधि और अंजलि से 15 दिन पहले ही मिली थी.
ऐसे में शक को सुई गवाह निधि की ओर भी है. अब जांच अधिकारियों के सामने कुछ सवाल हैं, जिनका जवाब उसे तलाशना है. जैसे-शुरुआत में बताया गया था कि अंजलि दोस्तों के संग न्यू ईयर पार्टी सेलिब्रेट करने के लिए होटल गई थी. ऐसे में सवाल है कि जो निधि सिर्फ कुछ दिनों पहले ही अंजलि से मिली हो, उसके साथ किन पैसों को लेकर झगड़ा हुआ? बता दें कि दिसंबर 2020 को ड्रग्स केस में निधि को गिरफ्तार किया गया था.
अंजलि केस के छठे आरोपी आशुतोष का एक और CCTV वीडियो सामने आया है. पुलिस पूछताछ में पता चला कि आशुतोष को उसके दोस्त ने पहले ही घटना की जानकारी दे दी थी. इसके बाद वह रोहिणी सेक्टर 1 स्थित घर के बाहर कार सवार आरोपियों का इंतजार करता दिखा.
कहां पुलिस के दावे निकले गलत
इस मामले में पुलिस ने सबसे पहले दीपक खन्ना, अमित खन्ना, कृष्णा, मनोज मित्तल और मिथुन को गिरफ्तार कर लिया था और कार के मालिक आशुतोष शुक्रवार सुबह गिरफ्तार कर लिया गया और सातवें आरोपी अंकुश ने आज सरेंडर कर दिया.
पहले पुलिस ने बताया था कि वारदात के समय कार में 5 आरोपी थे और 1 जनवरी की भोर में हुई घटना के दौरान अमित खन्ना गाड़ी चला रहा था, लेकिन ये दोनों ही दावे गलत निकले. अमित को बचने के लिए दीपक ने कार चलाने की जिम्मेदारी अपने सिर ले ली थी. घटना के वक्त दीपक अपने घर पर था.