काम से हटाया तो पुराने कर्मचारी ने दुकानदार पर हथौड़े से हमलाकर लूटे 16 लाख, 3 आरोपी गिरफ्तार
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काम से हटाया तो पुराने कर्मचारी ने दुकानदार पर हथौड़े से हमलाकर लूटे 16 लाख, 3 आरोपी गिरफ्तार

Crime Story: पुलिस ने 500 से भी ज्यादा सीसीटीवी कैमरों की जांच की और पहले मोदीनगर और फिर बागपत तक जा पहुंची. पुलिस ने पहले आकाश को और उसकी निशानदेही पर रवि और गगनदीप को गिरफ्तार कर लिया, जबकि मुख्य आरोपी जितेंद उर्फ समर पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ पाया है. 

काम से हटाया तो पुराने कर्मचारी ने दुकानदार पर हथौड़े से हमलाकर लूटे 16 लाख, 3 आरोपी गिरफ्तार

नई दिल्ली: साउथ दिल्ली के हौजखास थाना इलाके में दुकानदार पर जानलेवा हमलाकर 16 लाख से ज्यादा की लूट के मामले का खुलासा पुलिस ने किया है. पुलिस ने दो सगे भाइयों सहित तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लूट की रकम में से 8.30 लाख रुपये भी बरामद किए हैं. आरोपियों की पहचान रवि गुड़िया और उसके भाई आकाश गुड़िया और गगनदीप सिंह के रूप में हुई है. आरोपी महरौली और गौतम नगर इलाके के रहने वाले हैं.

डीसीपी चंदन चौधरी ने बताया कि 22 जनवरी को एम्स ट्रॉमा सेंटर से गौतम नगर के रहने वाले एक शख्स की पिटाई की वजह से घायल होने की सूचना मिली थी. इसके बाद पुलिस हॉस्पिटल पहुंची. वहां 39 वर्षीय घायल शख्स ने बताया कि 21-22 जनवरी के बीच की रात वह अपनी दुकान में सो रहा था. देर रात करीब 2:45 बजे वह दुकान के बाहर स्थित वॉशरूम जाने के लिए उठा. लौटने के बाद वो दुकान के अंदर आया और शटर लॉककर सो गया. तभी अचानक दो युवक उनके सिर पर हथौड़े और पिस्टल की बट से हमला करने लगे. दोनों बदमाशों ने दुकानदार के लॉकर की चाभी के बारे में पूछा और 16 लाख 25 हजार रुपये लूटकर फरार हो गए.

बचने के लिए की थी नाकाम कोशिश 
पीड़ित के बयान पर मामला दर्ज कर जांच शुरू की गई. एसीपी हौज खास हरीश चंदर की देखरेख और एसएचओ शिव दर्शन शर्मा के नेतृत्व में इंस्पेक्टर रोहित, भरत लाल, एसआई प्रिंस, दीपेंद्र, सलमान, हेड कॉन्स्टेबल अमित, अशोक, त्रिलोक, सतिंदर, राकेश, कॉन्स्टेबल पंकज और विकास की टीम बनाई गई. जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि आरोपियों ने वारदात को अंजाम देते समय ग्लब्स पहन रखे थे. इसलिए मौके से कोई भी फिंगरप्रिंट नहीं मिले. 
लगातार प्रयासों के बाद पुलिस को एक सीसीटीवी फुटेज में चार संदिग्ध नजर आए.

500 से भी ज्यादा सीसीटीवी कैमरे किए चेक 
इसके बाद पुलिस ने चारों आरोपियों- जितेंद उर्फ समर, रवि, आकाश और गगनदीप की भी पहचान हुई. आगे की जांच में पुलिस आरोपियों के भागने के रूट का पता करने में जुट गई, जिससे उन्हें आरोपियों के घटनास्थल से पैदल ही आईआईटी फ्लाईओवर तक और फिर वहां से ऑटो लेकर फरार होने का पता चला, जिसके बाद पुलिस ने 500 से भी ज्यादा सीसीटीवी कैमरों की जांच की और पहले मोदीनगर और फिर बागपत तक जा पहुंची. पुलिस ने पहले आकाश को और उसकी निशानदेही पर रवि और गगनदीप को गिरफ्तार कर लिया जबकि मुख्य आरोपी जितेंद उर्फ समर पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ पाया है. 

रेकी करने के लिए पास की दुकान में किया काम 
आरोपियों ने बताया कि जितेंद उर्फ समर पीड़ित की दुकान में काम किया करता था, जिसे कुछ महीनों पहले दुकान के मालिक ने काम से निकाल दिया था.  इसके बाद जितेंद्र पास ही में स्टेशनरी की शॉप में काम करने लगा और पुराने मालिक से बदला लेने की साजिश रचने लगा. उसे पुराने दुकान मालिक का सारा रुटीन पता था, इसलिए उसने दुकान में लूट की साजिश रची.

उसने गौतम नगर में ही चाय की दुकान चलाने वाले रवि और आकाश के अलावा गगनदीप को इस काम को करने के लिए मना लिया. आकाश पर काफी कर्ज था, इसलिए वो अपने भाई रवि के साथ इस प्लान में शामिल हो गया, जबकि गगनदीप ने पैसों की लालच में उनके साथ हो गया. आरोपी आकाश और गगनदीप ने वारदात के लिए हथौड़े और टॉय गन की व्यवस्था की और जितेंद और रवि को देकर दुकान के बाहर निगरानी करने लगे और वारदात के बाद फरार हो गए.

 

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