Chandigarh News: हरियाणा के सहकारिता मंत्री डॉ. बनवारी लाल ने बताया कि चीनी मिलों को घाटे से उभारने के लिए 690 केएलपी एथेनॉल बनाने की प्रक्रिया भी शुरू की जा रही है.
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Chandigarh News: हरियाणा के सहकारिता मंत्री डॉ. बनवारी लाल ने कहा कि चीनी मिलों को घाटे से उभारने के लिए बगास व खोई की बिक्री के अलावा अन्य लाभप्रद उत्पाद बढ़ाने पर बल दिया जा रहा है. इसके अलावा चीनी मिलों में 690 केएलपी एथेनॉल बनाने की प्रक्रिया भी शुरू की जा रही है.
सहकारिता एवं जनस्वास्थ्य मंत्री आज हरियाणा राज्य सहकारी शुगर मिल फेडरेशन की वार्षिक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे. बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव टी वी एस एन प्रसाद, प्रबंध निदेशक कैप्टन मनोज कुमार सहित राज्य की सभी चीनी मिलों के जिला प्रबंधकों ने भाग लिया.
सहकारिता मंत्री ने कहा कि चीनी मिलों में अनेक प्रकार के उत्पाद बनाने की योजना तैयार की गई है. अधिकारी इस कार्य को लक्ष्य बनाकर पूर्ण तैयारियां करें ताकि आगामी तीन साल में इसे आसानी से पूरा किया जा सके. उन्होंने कहा कि इस वर्ष चीनी मिलों के रखरखाव एवं मरम्मत का कार्य सितंबर के अंत तक पूरा कर लिया जाए ताकि नए सीजन की अक्टूबर महीने तक अवश्य शुरुआत की जा सके. इसके अलावा स्टाफ की कमी को भी समय पर पूरा कर लिया जाए. उन्होंने कहा कि चीनी मिलों के तकनीकी संचालन एवं अन्य कार्य के लिए हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय से प्रशिक्षण ले चुके 150 से अधिक युवाओं को रखा जाएगा.
सहकारिता मंत्री ने कहा कि इस बार चीनी मिलों में अच्छी रिकवरी हुई है. इनमें शाहबाद, जींद, सोनीपत अव्वल रहने वाली चीनी मिल हैं. इसके अलावा पानीपत, महम, रोहतक और असंध चीनी मिलों की रिकवरी के लिए अधिकारी विजिट कर रिपोर्ट मुख्यालय सौंपे. उन्होंने कहा कि महम चीनी मिल में फतेहाबाद का गन्ना आने के कारण अभी पिराई का कार्य चालू है और शेष चीनी मिलों में कार्य बंद हो गया है.
गत वर्ष की तुलना में 14.86 प्रतिशत अधिक चीनी का उत्पादन
सहकारिता मंत्री ने कहा कि इस वर्ष चीनी मिलो ने 456.72 लाख क्विंटल गन्ने की पिराई करके 43.73 लाख क्विंटल चीनी का उत्पादन किया है, जो कि गत वर्ष की तुलना में 14.86 प्रतिशत अधिक है. इसके अलावा 3.79 प्रतिशत चीनी का अधिक उत्पादन हुआ है. उन्होंने कहा कि चीनी मिलों का रिकवरी रेट 9.77 प्रतिशत रहा जबकि लक्ष्य 10 प्रतिशत रखा गया था.
उन्होंने कहा कि इस वर्ष 1696.97 करोड़ रुपये का गन्ना किसानों से खरीदा गया, जिसमें से 1335.06 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया गया हैं. केवल 311.32 करोड़ रुपये की राशि गन्ने की बकाया है, जिसे 30 जून तक भुगतान कर दिया जाएगा. इसमें 20.70 करोड़ रुपये की सब्सिडी शामिल है.
डॉ. बनवारी लाल ने कहा कि इस वर्ष के दौरान चीनी मिले लगातार चलती रहीं, जिसके कारण किसानों को कोई असुविधा का सामना नहीं करना पड़ा. शाहबाद में 60 केएलपी एथेनॉल प्लांट लगाया गया है, जिसमें इस वर्ष 50 केएलपी से अधिक उत्पादन कर लिया गया. इसके अलावा पानीपत में भी एथेनॉल प्लांट लगाने की प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है, जिसे जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा.
हैफेड ने 207 करोड़ रुपये का कमाया मुनाफा
बैठक के बाद सहकारिता मंत्री ने पत्रकारों से बातीचीत करते कहा कि हैफेड में वर्ष 2021-22 के दौरान 1700 करोड़ रुपये का टर्न ओवर करके 207 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया हैं. इसमें 20 हजार एमटी चावल का निर्यात भी शामिल है. हैफेड को इस वर्ष भी 65 हजार एम टी चावल के निर्यात का भी ऑर्डर मिला है. इसके अलावा मिल्क सोसायटी भी अच्छे उत्पाद बनाने का कार्य कर रही है. उन्होंने कहा कि दुग्ध उत्पादन कार्य में लगे किसानों की आकस्मिक मृत्यु होने पर 10 लाख रुपये का लाभ दिया जा रहा है.
डॉ. बनवारी लाल ने कहा कि सरकार ने साझा डेरी योजना लागू की है. इस योजना के तहत भूमिहीन पशुपालकों को गांवों में दुग्ध उत्पादन करने के लिए शैड बनाकर दिए जाएगें. इनमें पशु चारा एवं पशु चिकित्सक की भी सुविधा उपलब्ध होगी. कैथल, कुरुक्षेत्र, जींद, भिवानी सहित 5 स्थानों पर यह योजना क्रियान्वित की जा चुकी है. इस योजना से पशुपालक पूर्ण रूप से आत्मनिर्भर बनेंगे. इसके अलावा अंबाला में मिल्क प्लांट को शिफ्ट किया जा रहा है. अंबाला व सिरसा में मिल्क चिलिंग सेंटर भी बनाए जा रहे है. उन्होंने कहा कि किसानों के लिए एकमुश्त योजना क्रियान्वित कर ब्याज माफी का लाभ दिया गया है. इस प्रकार सरकार सदैव किसान हित में निर्णय ले रही है.
Input: Vijay Rana