Avtar Singh Khanda Big reveal: भारतीय जांच एजेंसियों ने भी यूके पुलिस से यह जानने के लिए संपर्क साधा है कि खांडा के जरिये पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI) भारत के खिलाफ किस तरह की साजिश रच रही थी.
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नई दिल्ली: खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह की तलाश में पुलिस का अभियान लगातार पांचवें दिन भी जारी रहा है. आरोपी अमृतपाल पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) लगाने के अलावा उसके खिलाफ लुकआउट सर्कुलर और गैर जमानती वारंट भी जारी किया गया है. इस बीच अमृतपाल की ''वारिस पंजाब दे'' संस्था पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी शुरू कर दी गई है. सरकार किसी भी समय इसे अवैध घोषित कर सकती है.केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों ने पंजाब पुलिस और खुफिया विभाग से इस संबंध में रिपोर्ट मांगी है. गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (UAPA) के तहत संगठन पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है.
लंदन में भारतीय उच्चायोग के सामने तिरंगा हटाकर दूसरी बार खालिस्तानी झंडा फहराने के मामले में गिरफ्तार अवतार सिंह खांडा ने यूके पुलिस के सामने कई अहम खुलासे किए हैं. पुलिस सूत्रों के मुताबिक, केंद्रीय जांच एजेंसियों से मिले इनपुट्स से पता चला है कि दीप सिद्धू अवतार सिंह खांडा के दिमाग की उपज थे, जिसने ''वारिस पंजाब दे'' संस्था की नींव रखी थी.
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दीप सिद्धू की मौत के बाद खांडा ने अमृतपाल को भारत में आईएसआई की मदद से प्लांट किया था. पंजाबी अभिनेता दीप सिद्धू को 2021 में गणतंत्र दिवस पर किसानों की रैली के दौरान हुई हिंसा के मामले में आरोपी बनाया गया था. हालांकि फरवरी 2022 में एक सड़क हादसे में दीप सिद्धू की मौत हो गई थी.
भारतीय जांच एजेंसियों ने साधा
खांडा ने ही अमृतपाल सिंह को ट्रेनिंग देकर तैयार किया था.अवतार सिंह खांडा ने दीप सिद्धू की मौत के बाद उसकी जिम्मेदारी अमृतपाल विरासत को सौंपने की बात कही. भारतीय जांच एजेंसियों ने भी यूके पुलिस से यह जानने के लिए संपर्क साधा है कि खांडा के जरिये पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI) भारत के खिलाफ किस तरह की साजिश रच रही थी.
ब्रिटेन, कनाडा समेत कई देशों से आ रहा था पैसा
खांडा बब्बर खालसा इंटरनेशनल (BKI) के परमजीत सिंह पम्मा का सहयोगी है. दुबई में अमृतपाल की दोस्ती बीकेआई के सदस्यों से भी हुई थी, इसी बीच वह पम्मा के संपर्क में आ गया. पम्मा के अनुरोध पर अवतार सिंह ने उसके लिए प्रशिक्षण और पैसे की व्यवस्था की. ब्रिटेन, कनाडा और कुछ अन्य देशों से खालिस्तानी समर्थक पंजाब में अमृतपाल से जुड़े लोगों के खातों में पैसे भेजते थे. सारा पैसा हवाला के जरिये आता था.
किरणदीप और अमृतपाल की शादी का मकसद तलाश रही पुलिस
अमृतपाल अपने साथ मोबाइल नहीं रखता था और अलग-अलग नंबरों से विदेश में बैठे अपने हैंडलर्स से बात करता था. अमृतपाल की पत्नी किरणदीप कौर के बीकेआई से संबंध होने की बात पर भी खांडा ने मोहर लगा दी है. शादी से पहले भी किरणदीप कौर वारिस पंजाब दे संगठन को फंडिंग कर रही थी. इस बात के सबूत अभी खोजे जा रहे है. भारतीय एजेंसियों का मानना है कि अमृतपाल और किरणदीप की शादी के पीछे कोई मकसद छिपा हो सकता है. शादी भी किसी षड्यंत्र का हिस्सा हो सकती है. किरणदीप कौर ही सारे पैसे का हिसाब रखती थी.
इनपुट : अमित भारद्वाज