थलसेना, वायुसेना और नौसेना में भर्ती की नई अग्निपथ योजना के तहत शुरू में चार साल के लिए युवाओं को रखा जाएगा. प्रशिक्षण के बाद इनकी तैनाती की जाएगी. चार साल बाद 25 प्रतिशत अग्निवीरों को सेना में रखा जाएगा. इस योजना के विरोधियों का तर्क है कि इससे बेरोजगारी और बढ़ेगी और उनका करियर अनिश्चित हो जाएगा.
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नई दिल्ली: अग्निपथ योजना के विरोध पर महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने दुख जताया है. इस बीच आनंद महिंद्रा ने कहा कि योजना के तहत ट्रेनिंग पाने वाले नौजवानों को महिंद्रा ग्रुप में काम करने का मौका मिलेगा.
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यह ऑफर ऐसे समय में आया है, जब सरकार और विभिन्न मंत्रालयों ने अग्निपथ योजना के खिलाफ देशभर में हो रहे विरोध के बीच तमाम रियायतों की घोषणा की है. इसके बावजूद योजना के विरोध में सोमवार को भारत बंद का आह्वान किया है.
आनंद महिंद्रा ने सोमवार सुबह ट्वीट करके लिखा कि अग्निपथ स्कीम को लेकर जारी विरोध से दुखी हूं. पिछले साल जब इस योजना का विचार सामने आया था, तब मैंने कहा था कि इसके तहत अग्निवीर जो अनुशासन और कौशल सीखेंगे, वह उन्हें रोजगार के बेहतरीन मौके उपलब्ध कराएगा. उन्होंने कहा कि महिंद्रा ग्रुप इस तरह के प्रशिक्षित, सक्षम युवाओं को अपने यहां भर्ती का मौका देगा.
Saddened by the violence around the #Agneepath program. When the scheme was mooted last year I stated-& I repeat-the discipline & skills Agniveers gain will make them eminently employable. The Mahindra Group welcomes the opportunity to recruit such trained, capable young people
— anand mahindra (@anandmahindra) June 20, 2022
आनंद महिंद्रा के इस ऐलान का ट्विटर पर तमाम लोगों ने स्वागत किया. एक यूजर ने सवाल पूछा कि महिंद्रा ग्रुप में अग्निवीरों को क्या पोस्ट दी जाएगी? इसके जवाब में आनंद महिंद्रा ने कहा कि कॉरपोरेट सेक्टर में अग्निवीरों के लिए रोजगार की अपार संभावनाएं हैं. इसमें 'लीडरशिप क्वॉलिटी, टीम वर्क और शारीरिक प्रशिक्षण की वजह से अग्निवीर के रूप में इंडस्ट्री को बाजार के लिए तैयार पेशेवर मिलेंगे. ये लोग एडमिनिस्ट्रेशन, सप्लाई चेन मैनेजमेंट कहीं भी काम कर सकते हैं.'
बता दें कि थलसेना, वायुसेना और नौसेना में भर्ती की नई अग्निपथ योजना के तहत शुरू में चार साल के लिए युवाओं को रखा जाएगा. प्रशिक्षण के बाद इनकी तैनाती की जाएगी. चार साल बाद 25 प्रतिशत अग्निवीरों को सेना में रखा जाएगा. इस योजना के विरोधियों का तर्क है कि इससे बेरोजगारी और बढ़ेगी और उनका करियर अनिश्चित हो जाएगा, लेकिन सरकार इससे साफ इनकार कर रही है.
सरकार की तरफ से अग्निवीरों के लिए रक्षा मंत्रालय की नौकरियों और सशस्त्र बलों में 10 % आरक्षण समेत कई तरह की रियायतों का भी ऐलान किया है. यूपी, एमपी, हरियाणा, उत्तराखंड, कर्नाटक, असम, अरुणाचल जैसे कई राज्यों ने सरकारी नौकरियों में अग्निशामकों को प्राथमिकता देने की घोषणा की है.
बता दें कि अग्निपथ योजना के विरोध में बिहार में प्रदर्शनकारियों ने कई ट्रेनों को आग के हवाले किया था. सिर्फ बिहार में रेलवे का 700 करोड़ का नुकसान हो चुका है.
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