Modi Cabinet Approves two Indian Railway's Projects: मोदी कैबिनेट ने गुरुवार को भारतीय रेलवे के 2 प्रोजेक्ट पर अपनी मुहर लगा दी. दोनों प्रोजेक्ट की लागत 6798 करोड़ रुपये बताई जा रही है. एक प्रोजेक्ट उत्तर बिहार में नरकटियागंज से दरभंगा तक रेलवे लाइन दोहरीकरण का है तो दूसरा आंध्र प्रदेश में 57 किलोमीटर लंबी नई रेल लाइन के निर्माण का है.
Trending Photos
Narkatiaganj Raxaul Sitamadhi Darbhanga Muzaffarpur Rail Line Doubling: केंद्र की मोदी सरकार ने उत्तर बिहार के लोगों को दिवाली से पहले बड़ा तोहफा दिया है. मोदी सरकार ने गुरुवार को कैबिनेट की बैठक में नेपाल सीमा से लगे उत्तर बिहार के नरकटियागंज, रक्सौल, सीतामढ़ी, दरभंगा और सीतामढ़ी-मुजफ्फरपुर रेलवे लाइन के दोहरीकरण का फैसला लिया है. इस प्रोजेक्ट पर 4553 करोड़ रुपये खर्च होने की उम्मीद है. मोदी सरकार के इस फैसले से नेपाल सीमा के आसपास रहने वाले लोगों की वर्षों पुरानी तमन्ना पूरी हो सकेगी. इस प्रोजेक्ट से उत्तर पूर्व के राज्यों को भी बड़ा फायदा हो सकता है.
READ ALSO: 'मुंबई आ रहा हूं', पप्पू यादव ने लॉरेंस बिश्नोई को फिर दी चुनौती
कुल मिलाकर 4553 करोड़ रुपये से 256 किलोमीटर रेलवे लाइन को डबल किए जाने का प्रस्ताव पास किया गया है. सरकार के इस फैसले से चंपारण के दोनों जिले पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण के अलावा मिथिलांचल के दो जिले सीतामढ़ी, दरभंगा और मुजफ्फरपुर जिले को जबर्दस्त फायदा होने वाला है. मुजफ्फरपुर तक यह रेल रूट डबल हो गया तो उत्तर पूर्व के राज्यों से भी यह रूट जुड़ जाएगा.
उत्तर बिहार में यह रेलवे लाइन भारत नेपाल सीमा के समानांतर चलती है. इसके अलावा यह लाइन बिरगुन में इनलैंड कंटेनर डिपो को जोड़ती है.
इसके अलावा मोदी कैबिनेट ने आंध्र प्रदेश में 57 किलोमीटर लंबी अमरावती रेल रूट को भी मंजूरी दी है. इस प्रोजेक्ट पर 2245 करोड़ रुपये खर्च होने की उम्मीद है. यह रेलवे लाइन मध्य और उत्तर भारत को दक्षिण भारत से जोड़ने में अहम भूमिका निभाएगा.
READ ALSO: भोजपुरी इंडस्ट्री में लड़कियों का होता है शोषण! अक्षरा और काजल की बातों को समझिए
मोदी सरकार की ओर से मंजूर किए गए ये दोनों प्रोजेक्ट्स मौजूद रेल नेटवर्क को 313 किलोमीटर और बढ़ा देंगे. इन प्रोजेक्ट्स से 9 नए स्टेशन बनेंगे और 168 गांवों के 12 लाख लोगों को इसका लाभ मिल सकता है.
इन दोनों प्रोजेक्ट की मदद से 19 लाख रोजगार पैदा होने वाला है. 6 करोड़ किलोग्राम कार्बन डाय आक्साइड की बचत होगी, जो 25 लाख पेड़ लगाने के बराबर होगा.