चक्रवर्ती सम्राट अशोक विश्वप्रसिद्ध व शक्तिशाली भारतीय मौर्य राजवंश के महान सम्राट थे. सम्राट अशोक का पूरा नाम देवानांप्रिय अशोक मौर्य था. सम्राट का राजकाल ईसा पूर्व 269 से लेकर 232 प्राचीन भारत में था.

Apr 11, 2023

सम्राट अशोक का नाम संसार के महानतम व्यक्तियों में आता है. ईरान से लेकर बर्मा तक अशोक का साम्राज्य था. अंत में कलिंग के युद्ध ने अशोक को धर्म की ओर मोड़ दिया.

अशोक के समय मौर्य राज्य उत्तर में हिन्दुकुश की श्रेणियों से लेकर दक्षिण में गोदावरी नदी के दक्षिण तथा मैसूर, कर्नाटक तक तथा पूर्व में बंगाल से पश्चिम में अफगानिस्तान तक पहुंच गया था. यह उस समय तक का सबसे बड़ा भारतीय साम्राज्य था.

जानकारी के अनुसार बता दें कि सभी बौद्ध ग्रंथ सम्राट अशोक को बौद्ध धर्म का अनुयायी बताते हैं. अशोक के बौद्ध होने के सबल प्रमाण उसके अभिलेख हैं. राज्याभिषेक से संबद्ध लघु शिलालेख में अशोक ने अपने को 'बुद्धशाक्य' कहा है.

पौराणिक कालगणना के अनुसार अशोक के राज्य के लिए निकाले गए 1472 से 1436 ईसा पूर्व के काल में और राजतरंगिणी के आधार पर धर्माशोक के लिए निकले राज्यकाल 1448 से 1400 ईसा पूर्व में कुछ-कुछ समानता है जबकि भारत के इतिहास को आधुनिक रूप में लिखने वाले इतिहासकारों द्वारा निकाले गए 265 ईसा पूर्व के काल से कोई समानता ही नहीं है.

अगर बात करें हिन्दू पुराणों की तो मौर्य वंश का तीसरा राजा अशोकवर्धन था. यह कोई और नहीं बल्कि चंद्रगुप्त मौर्य का पौत्र और बिंदुसार का पुत्र था. इसी ने अशोक स्तंभ बनवाए और इसी ने कलिंग का युद्ध किया था.

अशोक महान पूरा नाम देवानांप्रिय अशोक मौर्य था. इनके पिता का नाम बिंदुसार और दादा का नाम चंद्रगुप्त मौर्य था. इन्होंने हमेशा अपने धर्म को बचाने के लिए युद्ध लड़े.

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