जिला अस्पताल में जानकी ने जिसे 10 साल से लापता पति मोतीचंद समझा, वह कोई और निकला. जी हां, दरअसल शुक्रवार को अपने बेटे का इलाज कराने जिला अस्पताल पहुंची जानकी ने एक शख्स को बदहवास हालत में देखा. जानकी ने पास जाकर उसके चेहरे की ओर देखा तो उसे अपने पति मोतीचंद का आभास हुआ. खुशी के आंसुओं के साथ जानकी ने उस आदमी को दुलार किया और घर ले गईं. घर में उनके तीनों बच्चे बहुत खुश थे कि पिता 10 साल बाद घर लौटे हैं. लेकिन खुशी तब निराशा में बदल गई जब घर के लोगों को उसके शरीर पर मोतीचंद के ऑपरेशन के निशान मिलने लगे. कुछ देर बाद पता चला कि जिसे वह अपना पति मोतीचंद समझ रही थी, वह नगरा थाना क्षेत्र के सिकरहटा गांव का राहुल है. हालांकि कुछ देर बाद राहुल को उसके परिजनों को सौंप दिया गया. जानकी का कहना है कि इस बार किस्मत ने उन्हें धोखा दे दिया है. लेकिन खुशी है कि मेरी कोशिशों से एक घर को उसका बेटा मिल गया.' हालाँकि, जानकी और उसका बेटा मोतीचंद की तलाश जारी रखने पर ज़ोर देते हैं.