Independence Day 2022 : खादी भारत की भावना, समृद्ध इतिहास और आजादी के संघर्ष की सच्चा पहचान रहा है. खादी को भारत में पुनर्जीवित करने का अगर श्रेय किसी को जाता है तो वो है महात्मा गाँधी. महात्मा गाँधी ने इसकी क्षमता को आत्मनिर्भर और स्वतंत्र बनने के लिए एक उपकरण के रूप में देखा था. 1920 में महात्मा गांधी ने स्वदेशी आंदोलन में खादी को एक राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया. जिसका असर ऐसा रहा की यह स्वदेशी आंदोलन का अभिन्न अंग बन गया और यही कारण है कि आजादी के सात दशकों के बाद भी, भारतीय समाज में खादी की एक खास स्वीकृति है.
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