बिहार से बाढ़ नियंत्रण मुख्यालय को Shift करने की अटकलों पर विराम, संजय झा ने केंद्रीय मंत्री से की बात
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बिहार से बाढ़ नियंत्रण मुख्यालय को Shift करने की अटकलों पर विराम, संजय झा ने केंद्रीय मंत्री से की बात

संजय झा (Sanjay Jha) ने कहा कि बिहार गंगा बेसिन (Ganga Basin) की 23 में से 13 नदियों की विभीषिका को अकेले झेलता है. इसलिए बाढ़ नियंत्रण का मुख्यालय बिहार को बनाया गया था.    

बिहार से बाढ़ नियंत्रण मुख्यालय को Shift करने की अटकलों पर विराम.

Patna: बिहार से बाढ़ नियंत्रण मुख्यालय हटाने की अटकलों पर विराम लग गया है. बिहार सरकार के जल संसाधन मंत्री संजय झा (Sanjay Jha) की पहल पर केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री ने इस तरह के किसी भी प्रोपोजल पर विचार से इन्कार किया है. गंगा बाढ़ नियंत्रण आयोग के अध्यक्ष की ओर मुख्यालय हटाने को लेकर किये जा रहे प्रयाशों पर बिहार के जल संसाधन मंत्री ने सख्त आपत्ति भी जताई है.

दरअसल, गंगा बाढ़ नियंत्रण आयोग (Ganga Flood Control Commission) के अध्यक्ष की ओर से बिहार में स्थापित बाढ़ नियंत्रण मुख्यालय को लखनउ शिफ्ट करने की तैयारी चल रही थी. आने वाले दो महीनों में मुख्यालय को शिफ्ट करने की योजना पर आयोग काम कर रहा था. 

जल शक्ति मंत्रालय (Jal Shakti Ministry) की मंजूरी मिलते ही 1 राज्यों का बाढ़ नियंत्रण मुख्यालय बिहार से दूसरे राज्य में शिफ्ट हो जाता, लेकिन इस बात की जानकारी बिहार के जल संसाधन मंत्री संजय झा (Sanjay Jha) को हुई तो उन्होंने तुरंत केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री से बात की. संजय झा की पहल पर केन्द्रीय मंत्री ने ये आश्वासन दिया कि अभी तक विभाग के पास न तो ऐसा प्रस्ताव आया है और न ही ऐसा कोई विचार है.

आपको बता दें कि 49 साल से गंगा बाढ़ नियंत्रण आयोग बिहार में स्थापित है. पटना में इसकी स्थापना 1972 में हुई थी. पटना में मुख्यालय बनाने के पीछे मकसद था कि गंगा बेसिन (Ganga Basin) वाले 11 राज्यों में सबसे ज्यादा बाढ़ से तबाही बिहार में होती थी.

गंगा बाढ़ नियंत्रण आयोग (Ganga Flood Control Commission) की ओर से चल रहे प्रयाशों पर बिहार सरकार के जल संसाधन मंत्री संजय झा ने काफी आपत्ति भी दर्ज की है. संजय झा की ओर से मामले को लेकर रविवार को लगातार चार ट्वीट किए गए. 

संजय झा (Sanjay Jha) ने ट्वीट के जरिए बताया कि बिहार बाढ़ से प्रभावित होने वाला सबसे बड़ा राज्य है. आज की तारीख में बिहार को बाढ़ से बचाने के लिए सबसे ज्यादा व्यवस्थित निगरानी सहयोग और तैयारी की जरूरत है. गंगा बाढ़ नियंत्रण आयोग (Ganga Flood Control Commission) का बाढ़ नियंत्रण में ऐतिहासिक रोल रहा है.

संजय झा (Sanjay Jha) ने अपने ट्वीट में लिखा है कि 1953 से 2017 तक बिहार के 20 लाख 24 हजार हेक्टेयर जमीन बाढ़ से प्रभावित रहे हैं. इसके कारण 768 करोड़ 38 लाख रुपयों का नुकसान हुआ है. बीते 64 सालों में साढ़े 10 लाख घर बर्बाद हुए. इसके कारण 831 करोड़ 45 लाख रुपए का नुकसान हो चुका है. साथ ही 10 हजार 105 पशुओं का नुकसान हुआ जबकि 1287 लोग बाढ़ में मारे गए.

जल संसाधन मंत्री संजय झा (Sanjay Jha) ने अपने ट्वीट में लिखा है कि गंगा बाढ़ नियंत्रण आयोग (Ganga Flood Control Commission) के अध्यक्ष की ओर से लगातार बाढ़ नियंत्रण योजनाओं के क्षेत्र में असहयोग किया जा रहा है, लेकिन किसी शख्स की गलत मंशा का खामियाजा बिहार को नहीं भुगतने दिया जाएगा. 

संजय झा (Sanjay Jha) ने कहा कि बिहार गंगा बेसिन (Ganga Basin) की 23 में से 13 नदियों की विभीषिका को अकेले झेलता है. इसलिए बाढ़ नियंत्रण का मुख्यालय बिहार को बनाया गया था.