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Maa Durga Mantra: नवरात्रि का त्योहार रविवार यानी 15 अक्टूबर से शुरू हो रहा है. इसी दिन कलश स्थापना के साथ ही मां शैलपुत्री की पूजा की जाएगी. इस शारदीय नवरात्रि मां दुर्गा की कृपा पाने के लिए आप मां की पूजा पूरे भक्ति भाव से करें और कुछ मंत्रों का जाप भी इस दौरान करें जिससे मां की कृपा आप पर बनी रहे. बता दें कि इस बार मां हाथी पर सवार होकर आ रही हैं. आपको बता दें कि यह मान्यता है कि इस दौरान मां धरती पर आती हैं और अपने भक्तों के सभी कष्टों को दूर करती हैं. आपको बता दें कि इस दौरान मां की पूजा अर्चना, अराधना से परिवार में सुख-शांति, धन का आगमन और मां लक्ष्मी का घर में वास होता है. ऐसे में मां दुर्गा के कुछ मंत्रों का जाप इस दौरान करना बेहद लाभकारी माना गया है.
रोगों से मुक्ति पाने के लिए
ॐ जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी।
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते।।
शक्ति प्राप्ति के लिए
या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
धन प्राप्ति के लिए
या देवी सर्वभूतेषु लक्ष्मीरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
आत्म संतुष्टि प्राप्ति के लिए
या देवी सर्वभूतेषु तुष्टिरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
ममता और आशीर्वाद प्राप्ति के लिए
या देवी सर्वभूतेषु मातृरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
मां की दया प्राप्ति के लिए
या देवी सर्वभूतेषु दयारूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
बुद्धि प्राप्ति के लिए
या देवी सर्वभूतेषु बुद्धिरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
शांति की प्राप्ति के लिए
या देवी सर्वभूतेषु शांतिरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
सर्व कार्य सिद्धि के लिए
सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके।
शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणि नमोऽस्तुते।।
इसके अलावा आपको इस नवरात्रि मां के इन 108 नामों का भी रोज पाठ करना चाहिए. इससे आपके जीवन में आनेवाली सारी बाधाएं दूर हो जाएंगी. ये नाम इस प्रकार है...
सती, साध्वी, भवप्रीता, भवानी, भवमोचनी, आर्या, दुर्गा, जया, आद्या, त्रिनेत्रा, शूलधारिणी, पिनाकधारिणी, चित्रा, चंद्रघंटा, महातपा, मन, बुद्धि, अहंकारा, चित्तरूपा, चिता, चिति, सर्वमंत्रमयी, सत्ता, सत्यानंदस्वरुपिणी, अनंता, भाविनी, भव्या, अभव्या, सदागति, शाम्भवी, देवमाता, चिंता, रत्नप्रिया, सर्वविद्या, दक्षकन्या, दक्षयज्ञविनाशिनी, अपर्णा, अनेकवर्णा, पाटला, पाटलावती, पट्टाम्बरपरिधाना, कलमंजरीरंजिनी, अमेयविक्रमा, क्रूरा, सुंदरी, सुरसुंदरी, वनदुर्गा, मातंगी, मतंगमुनिपूजिता, ब्राह्मी, माहेश्वरी, ऐंद्री, कौमारी, वैष्णवी, चामुंडा, वाराही, लक्ष्मी, पुरुषाकृति, विमला, उत्कर्षिनी, ज्ञाना, क्रिया, नित्या, बुद्धिदा, बहुला, बहुलप्रिया, सर्ववाहनवाहना, निशुंभशुंभहननी, महिषासुरमर्दिनी, मधुकैटभहंत्री, चंडमुंडविनाशिनी, सर्वसुरविनाशा, सर्वदानवघातिनी, सर्वशास्त्रमयी, सत्या, सर्वास्त्रधारिणी, अनेकशस्त्रहस्ता, अनेकास्त्रधारिणी, कुमारी, एककन्या, कैशोरी, युवती, यति, अप्रौढ़ा, प्रौढ़ा, वृद्धमाता, बलप्रदा, महोदरी, मुक्तकेशी, घोररूपा, महाबला, अग्निज्वाला, रौद्रमुखी, कालरात्रि, तपस्विनी, नारायणी, भद्रकाली, विष्णुमाया, जलोदरी, शिवदुती, कराली, अनंता, परमेश्वरी, कात्यायनी, सावित्री, प्रत्यक्षा और ब्रह्मावादिनी।