Rahu Mahadasha: जानें राहु कैसे जातक को देता है पीड़ा, कैसे इसके दुष्प्रभाव से हो सकता है बचाव
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Rahu Mahadasha: जानें राहु कैसे जातक को देता है पीड़ा, कैसे इसके दुष्प्रभाव से हो सकता है बचाव

ज्योतिष के अनुसार कुंडली में नौ ग्रह होते हैं. इसमें से कुछ ग्रह पाप ग्रह है, कोई क्रुर ग्रह की श्रेणी में आता है तो किसी क छाया ग्रह कहा गया है. ऐसे में ज्योतिष की मानें तो राहु और केतु दो पाप और छाया ग्रह माने गए हैं. राहु को सांप का मुख और केतु को सांप की पूंछ कहा गया है.

फाइल फोटो

Rahu Mahadasha: ज्योतिष के अनुसार कुंडली में नौ ग्रह होते हैं. इसमें से कुछ ग्रह पाप ग्रह है, कोई क्रुर ग्रह की श्रेणी में आता है तो किसी क छाया ग्रह कहा गया है. ऐसे में ज्योतिष की मानें तो राहु और केतु दो पाप और छाया ग्रह माने गए हैं. राहु को सांप का मुख और केतु को सांप की पूंछ कहा गया है. मतलब साफ है कि राहु और केतु के दरम्यान जिन ग्रहों की स्थिति मौजूद होगी उसपर राहु-केतु का प्रभाव देखने को मिलेगा. राहु और केतु कुंडली में 180 डिग्री के मान पर स्थित होते हैं. साथ ही यह दोनों ग्रह हमेशा वक्री ही चलते हैं. 

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कलयुग में अगर किसी जातक की कुंडली में राहु शुभ स्थिति में हो तो वह जातक को राजा बना देता है. वहीं अगर अशुभ स्थिति में हो तो राजा को भी रंक बना देता है. उसका जीवन नरक के समान हो जाता है. ऐसे जातक का जीवन अशुभ घटनाओं का केंद्र बन जाता है. राहु की महादशा की बात करें तो यह जीवन में 18 साल के लिए होता है. इस 18 साल में राहु व्यक्ति से खूब श्रम करवाता है और जिसने इसे झेल लिया उसे बेहतर इंसान बना देता है. 

हालांकि इसकी महादशा में ज्यादातर लोगों की बर्बादी निश्चित हो जाती है. वह लक्ष्य से भटकने लगता है. कमर तोड़ मेहनत भी सफलता का मार्ग नहीं खोल पाती है. ऐसे में व्यक्ति नशे का आदी हो जाता है. उसके मन के भीतर भय घर कर जाता है. शरीर में कमजोरी का वास होने लगता है. राहु कमजोर हो तो दिमाग से, आंत से, पेट से जुड़े रोग देता है. 

ऐसे में राहु की महादशा में जातक परेशान हो तो उसे भगवान शिव और भगवान विष्णु की पूजा लगातार करना चाहिए. वहीं अगर इस दौरान जातक काले कुत्ते को मीठी रोटी खिलाए तो उसके लिए भी बेहतर होगा. वहीं राहु से पीड़ित व्यक्ति को पानी में काला तिल मिलाकर लगातार स्नान करना चाहिए. वहीं राहु के मंत्र का लगातार जाप भी इसकी पीड़ा से मुक्ति दिलाता है. वहीं चंदन के धूप को जलाने से भी इससे राहत मिलती है. 

साल 2024 में राहु और बुध की युति से जड़त्व नाम का योग बनने वाला है. जो एक अशुभ योग है. ऐसे में बता दें कि दोनों ग्रहों की युति मीन राशि में होनेवाली है. ऐसे में मेष वृश्चिक और मीन राशि के जातकों के लिए यह अशुभ योग नुकसान देनेवाला होगा. मेष राशि के जातक इस योग के दौरान कई तरह की परेशानियों का सामना करेंगे. वाद-विवाद और धन संबंधी समस्याएं उनका पीछा करेंगी. वहीं वृश्चिक राशि के जातकों को तनाव का सामना इस दौरान करना पड़ेगा. कई चुनौतियां उनके सामने खड़ी होंगी.  मीन राशि के जातकों के लिए भी जड़त्व योग कई तरह की हानि देने वाला होगा. 

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