Karwa Chauth 2024: शास्त्रों के अनुसार मासिक धर्म के दौरान महिलाओं के शरीर में एक विशेष प्रकार की ऊर्जा होती है, जिसे भगवान की पूजा के साथ सामंजस्य नहीं माना जाता है. इसी कारण से महिलाओं को इस समय धार्मिक कार्यों से दूर रहने की सलाह दी जाती है. यह नियम न केवल करवा चौथ बल्कि सोलह सोमवार, एकादशी और अन्य विशेष व्रतों के लिए भी लागू होता है.
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Karwa Chauth 2024 Fasting Rules During Periods: हिंदू धर्म में व्रत-त्योहारों का विशेष महत्व है, जो जीवन में सुख-समृद्धि और कल्याण के लिए किए जाते हैं. करवा चौथ का व्रत खास तौर पर सुहागिन महिलाओं द्वारा अपने पति की लंबी उम्र और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए रखा जाता है. इस व्रत को करने वाली महिलाएं पूरे साल इसका इंतजार करती हैं, लेकिन कई बार ऐसी परिस्थिति आ जाती है, जब महिलाएं मासिक धर्म (पीरियड्स) के दौरान करवा चौथ का व्रत रखने की स्थिति में होती हैं. ऐसे में उनके मन में यह सवाल उठता है कि व्रत रखें या नहीं और अगर रखें, तो कैसे? आचार्य मदन मोहन से आइए, जानते हैं कि पीरियड्स के दौरान करवा चौथ का व्रत कैसे किया जा सकता है.
पीरियड्स के दौरान करवा चौथ का व्रत कैसे करें?
आचार्य मदन मोहन के अनुसार अगर करवा चौथ के दिन आपको पीरियड्स शुरू हो जाते हैं, तो भी आप व्रत रख सकती हैं. शास्त्रों में व्रत करने पर कोई रोक नहीं है, चाहे आप मासिक धर्म में हों. इस दौरान आपको सिर्फ पूजा-पाठ करने से बचना चाहिए. इसका मतलब यह है कि आप व्रत रख सकती हैं, लेकिन भगवान की मूर्ति, पूजा सामग्री या धार्मिक ग्रंथों को छूने से बचें. साथ ही करवा चौथ की कथा को किसी दूसरे व्यक्ति से सुनें, क्योंकि आप खुद कथा की पुस्तक को नहीं छू सकतीं. इसके अलावा आप मानसिक रूप से करवा माता की पूजा और भक्ति में लीन रह सकती हैं. ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, मासिक धर्म के समय व्रत करना शास्त्र सम्मत है और इसे छोड़ने की जरूरत नहीं है.
पूजा करने की मनाही क्यों होती है?
आचार्य के अनुसार मासिक धर्म के दौरान पूजा-पाठ या धार्मिक कार्यों में शामिल होने से रोकने का कारण धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है. शास्त्रों के अनुसार, इस समय महिलाओं के शरीर में एक विशेष प्रकार की ऊर्जा होती है, जिसे भगवान या पूजा की शक्ति के साथ संतुलित नहीं माना जाता. इसी वजह से महिलाओं को इस दौरान धार्मिक कार्यों से दूर रहने की सलाह दी जाती है. यह नियम सिर्फ करवा चौथ ही नहीं, बल्कि अन्य विशेष व्रतों जैसे सोलह सोमवार, एकादशी आदि के लिए भी लागू होता है.
इसके अलावा मासिक धर्म के दौरान आप मानसिक रूप से अपने व्रत का पालन कर सकती हैं और भगवान के प्रति अपनी श्रद्धा बनाए रख सकती हैं. इस तरह आप बिना किसी चिंता के अपना व्रत पूरा कर सकती हैं और धार्मिक नियमों का पालन भी कर सकती हैं. साथ ही कुल मिलाकर, पीरियड्स के दौरान व्रत रखना पूरी तरह से संभव है, बस पूजा करने और धार्मिक ग्रंथों को छूने से बचना चाहिए.
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