किशन मैच की पूर्वसंध्या पर इंडिया सी की टीम में शामिल हुए थे. एक तथ्य यह भी है कि पहले राउंड के दौरान सभी टीमों के लिए जिन खिलाड़ियों के नाम की घोषणा हुई थी, उसमें किशन इंडिया डी की टीम में नामित किए गए थे. हालांकि एक छोटी सी चोट के कारण वह पहले राउंड के मैच में शामिल नहीं हो पाए थे.
टॉस हार कर पहले बल्लेबाज़ी करते हुए इंडिया सी की शुरुआत अच्छी नहीं रही और एंकल मुड़ जाने के कारण ऋतुराज गायकवाड़ रिटायर्ड हर्ट हो गए. हालांकि चोट गंभीर नहीं थी और वह बाद में बल्लेबाज़ी करने भी आए. इसके बाद साई सुदर्शन और रजत पाटीदार के बीच 96 रनों की बेहतरीन साझेदारी हुई लेकिन रजत के आउट होने के तुरंत बाद सुदर्शन भी पवेलियन लौट गए.
एकबार के लिए ऐसा लगा था कि इंडिया बी के गेंदबाज़ों ने अच्छी वापसी कर ली है लेकिन फिर किशन और बाबा इंद्रजीत के बीच 189 रनों की एक बेहतरीन साझेदारी हुई, जिसमें किशन ने लगातार आक्रामक शॉट्स लगाए. साथ ही इंद्रजीत ने भी उनका भरपूर साथ दिया और 78 रनों की उपयोगी पारी खेली. किशन ने अपने 111 रनों की पारी के दौरान कुल तीन सिक्सर और 11 चौके लगाए. प्रथम श्रेणी में यह उनका सातवां शतक था.
किशन ने पिछले साल कोई घरेलू मैच नहीं खेला था. लेकिन इस साल घरेलू क्रिकेट खेलना किशन की योजनाओं में शामिल था और उन्होंने दलीप ट्रॉफ़ी से पहले बुची बाबू टूर्नामेंट में भी झारखंड की तरफ़ से हिस्सा लिया और वह टीम की कप्तानी भी कर रहे थे. उस दौरान उन्होंने मध्यप्रदेश के ख़िलाफ़ एक बढ़िया शतक जड़ा था.
इंडिया बी की तरफ़ से मुकेश कुमार को तीन विकेट मिले, जबकि नवदीप सैनी और राहुल चाहर को एक-एक विकेट मिला. दिन का खेल ख़त्म होने तक ऋतुराज 46 और मानव सुथर 8 के निजी स्कोर पर बल्लेबाज़ी कर रहे थे.
इनपुट- आईएएनएस
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