सूखा राहत देने में जुटी झारखंड सरकार, 29 दिसंबर को तीन साल पूरे होने पर होगी शुरुआत
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सूखा राहत देने में जुटी झारखंड सरकार, 29 दिसंबर को तीन साल पूरे होने पर होगी शुरुआत

राज्य के सभी किसान को मुख्यमंत्री सूखा राहत के योजना के तहत किसान के खाते के राज्य सरकार 3500 रुपए भेजेगी. ये राशि प्रति राशन कार्ड होगी और इसका लाभ राज्य के सूखाग्रस्त 22 जिले के 226 प्रखंड के लाभुकों को मिलेगा.

सूखा राहत देने में जुटी झारखंड सरकार, 29 दिसंबर को तीन साल पूरे होने पर होगी शुरुआत

रांचीः झारखंड में राज्य सरकार सूखा राहत देने की तैयारी में जुट गई है. हेमंत सरकार के तीन साल पूरे होने पर 29 दिसंबर को इसकी शुरुआत होगी. 22 जिले के 226 प्रखंड के किसान को राज्य सरकार, मुख्यमंत्री सूखा राहत योजना के तहत प्रति राशन कार्ड 3500 रुपए देगी. राज्य सरकार इसकी तैयारी में जुट गई है. झारखंड के कृषि मंत्री बादल ने बताया, हेमंत सरकार के तीन साल पूरे होने, मुख्यमंत्री 29 दिसम्बर को राज्य के तीस लाख किसानों को बड़ी सौगात देंगे.

किसानों के खाते में भेजेगी इतनी रुपये
राज्य के सभी किसान को मुख्यमंत्री सूखा राहत के योजना के तहत किसान के खाते के राज्य सरकार 3500 रुपए भेजेगी. ये राशि प्रति राशन कार्ड होगी और इसका लाभ राज्य के सूखाग्रस्त 22 जिले के 226 प्रखंड के लाभुकों को मिलेगा. मुख्यमंत्री सुखाड़ राहत योजना का लाभ लेने के लिए लैंड पोजिशन सर्टिफिकेट की अनिवार्यता समाप्त कर दी गई है. जेएमएम की राज्यसभा सांसद महुआ माजी ने कहा, इससे पहले राज्य के किसानों के बारे में किसी ने नहीं सोचें, जिस तरह से सीएम हेमंत सोरेन सोच रहे हैं. मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन जो बोलते हैं वो कर के दिखाते हैं. हमारी सरकार राज्य में किसान को राहत देने के लिए हर संभव काम कर रही है. राज्य में पानी की किल्लत रहती है, यहां के किसान पालन करते हैं, राज्य सरकार सुविधा देगी तो किसान का पलायन भी रुकेगा.

बीजेपी विधायक बिरंची नारायण ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, जो सरकार दलगत भावना से काम करती है उस सरकार से किसान की बात बेमानी है. राज्य सरकार ने जो घोषणा किया है, ये पूरी तरह से धोखा है, जिस राज्य सरकार ने पीएम द्वारा दी गई सुविधा को रद्दी की टोकरी में फेंक दिया उस सरकार से कृषि के क्षेत्र में झारखंड के किसानों को लाभ पहुंचाने की बात बेमानी है. साथ ही चेहरा देख कर काम करने का आरोप लगाते हुए, कहा बीजेपी विधायकों के क्षेत्र को सूखा ग्रस्त की श्रेणी से बाहर कर दिया गया.

 

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