Jharkhand High Court: 2018 में हजारीबाग में एक अपार्टमेंट के तीसरे तल्ले के एक ही परिवार के 6 लोगों के शव बरामद मिलने के बाद पूरे इलाके में हड़कंप मच गया था. जिसके सीआईडी नें पूरे मामले की जांच की और इसे आत्महत्या था. जिसके बाद अब इस मामले की जांच सीबीआई करेगी.
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हजारीबाग: Jharkhand High Court: हजारीबाग के माहेश्वरी परिवार के छह सदस्यों की मौत मामले की जांच अब सीबीआई करेगी. झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश एसके द्विवेदी की अदालत ने परिजन राजेश माहेश्वरी की याचिका पर सुनवाई करते हुए मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी है. ज्ञात हो कि 14 जुलाई 2018 को हजारीबाग के खजांची तालाब के पास बने सीडीएम शुभम अपार्टमेंट के तीसरी तल्ले के कमरा नंबर 303 में माहेश्वरी परिवार के 6 लोगों का शव बरामद हुआ था. ये घटना 2018 में हुई थी. जिसके बाद सीआईडी ने इस मामले की जांच की थी.
वहीं इस घटना में मरने वालों में परिवार के मुखिया महावीर अग्रवाल, पत्नी किरण अग्रवाल, उनका बेटा नरेश माहेश्वरी, बहु प्रीति अग्रवाल, पोता अहमद अग्रवाल और पोती अन्वी उर्फ परी अग्रवाल शामिल थी. शव मिलते है पूरे इलाके में हड़कंप मच गया था. मामले की मामले की जांच सीआईडी ने की और इसे आत्महत्या करार दिया था. वहीं वित्तीय समस्या से जूझने का भी हवाला दिया गया था. हालांकि राजेश माहेश्वरी की याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने प्रथम दृष्टया में मामला आत्महत्या का नहीं पाया है.
वही उनके वकील हेमंत कुमार सिकरवार ने अदालत को बताया कि सीआईडी ने यह दलील दी है कि परिवार वित्तीय संकट से जूझ रहा था बल्कि उनका परिवार वित्तीय रूप से बहुत मजबूत था. कई प्रीमियम के अलावा होम लोन और उस दौरान एक लगाने घर में एसी लगाया जाना था. प्रार्थी के वकील ने यह भी दलील दी कि महावीर अग्रवाल के ऊपर 4000 ही कर्ज था तो ऐसे में आत्महत्या की बात ही नहीं बनती हीं नहीं है. बता दें कि इस मामले की जांच काफी लंबे समय तक चली थी. इसके बावजूद पुलिस इस मामले की गुत्थी सुलझा नहीं पाई थी. जिसके बाद इस मामले की जांच सीआईडी ने की. तब सीआईडी की टीम साढ़े चार साल बाद इस नतीजे पर पहुंची थी कि घर के सभी सदस्यों ने आत्महत्या की थी.