झारखंड के सरकारी डॉक्टरों ने स्वास्थ्य विभाग को दिया अल्टीमेटम, आयुष्मान योजना का बहिष्कार की चेतावनी
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झारखंड के सरकारी डॉक्टरों ने स्वास्थ्य विभाग को दिया अल्टीमेटम, आयुष्मान योजना का बहिष्कार की चेतावनी

Jharkhand News, Ranchi News: राज्य के सरकारी चिकित्सक आयुष्मान योजना पर स्वास्थ्य विभाग की नीतियों के खिलाफ मुखर हो चुके हैं. 21 अक्टूबर से राज्य में किसी भी आयुष्मान रोगी का इलाज नहीं करने की बात कह चुके हैं. डॉक्टर विभाग की 50:50 योजना का विरोध कर रहे हैं.

झारखंड के सरकारी डॉक्टरों ने स्वास्थ्य विभाग को दिया अल्टीमेटम, आयुष्मान योजना का बहिष्कार की चेतावनी

रांची:Jharkhand News, Ranchi News: राज्य के सरकारी चिकित्सक आयुष्मान योजना पर स्वास्थ्य विभाग की नीतियों के खिलाफ मुखर हो चुके हैं. 21 अक्टूबर से राज्य में किसी भी आयुष्मान रोगी का इलाज नहीं करने की बात कह चुके हैं. डॉक्टर विभाग की 50:50 योजना का विरोध कर रहे हैं. दरअसल राज्य सरकार की तरफ से जो सर्कुलर जारी किया गया है. उसके तहत डॉक्टर यदि सरकारी अस्पताल में 10 सर्जरी करते हैं और प्राइवेट में 100 तो प्राइवेट में उनके 10 ऑपरेशन का ही भुगतान होगा. दरअसल चिकित्सकों को ऐसा लगता है नियमों की आड़ में निजी हॉस्पिटल के उनके भुगतान पर अड़ंगा लग सकता है.

आयुष्मान योजना का बहिष्कार की चेतावनी
झासा के संयुक्त सचिव विकास गुप्ता ने बताया कि, सरकार की तरफ से सरकारी चिकित्सकों को लेकर जो आदेश निकाला गया है, ये एक तरह से ये उचित नहीं है. सरकारी डॉक्टर के प्राइवेट प्रैक्टिस पर बंदिश लगाने जैसा फरमान है. हमें एनपीए नहीं मिलता है, इसलिए ड्यूटी आवर के बाद सरकारी चिकित्सकों पर कोई पाबंदी नहीं लगानी चाहिए. पूरे देश के किसी भी राज्य में आयुष्मान से जुड़ा ऐसा फरमान नहीं है. हमें और भी असुविधाएं हो रही है. अब हम सरकारी चिकित्सकों से काम लेने में निजी अस्पताल हिचक रहे हैं, कहीं उनका आयुष्मान का भुगतान फंस न जाए. संगठन ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया है. 21 तारीख तक का समय दिया है अगर अधिकारी उचित निर्णय नहीं लेते तो फिर संगठन आगे की रणनीति तय करेगा और आंदोलन की राह भी पकड़ सकते हैं. साथ ही 21 अक्टूबर तक विचार नहीं किया जाता है तो सभी सरकारी चिकित्सक, सरकारी अस्पताल में होने वाले आयुष्मान के तहत होने वाले कार्य का बहिष्कार करेंगे.

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बातचीत से निकालें रास्ता
वहीं झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा, हमने तो आईएमए और झासा के साथ बैठक कर बीच का रास्ता निकालने का प्रयास किया था. इसके बाद भी उनके मन में पीड़ा है और वो बात करेंगे तो उस पर विचार होगा. अभी तक हमारे संज्ञान में बातें आई है. देश में आंदोलन होता रहा है और होते रहेंगे, इन सब चीजों से फर्क नहीं पड़ता है. बात चीत से यदि रास्ता निकालना है तो बातचीत किया जाएगा और यदि आंदोलन करना है तो फिर आंदोलन करें.
इनपुट- कुमार चन्दन

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