झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोमवार को आरोप लगाया कि केंद्र सरकार उनकी आवाज दबाने के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) का इस्तेमाल कर रही है.
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गिरिडीह: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोमवार को आरोप लगाया कि केंद्र सरकार उनकी आवाज दबाने के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) का इस्तेमाल कर रही है.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गिरिडीह जिले के झंडा मैदान में एक सार्वजनिक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य से खनन किए गए कोयले के लिए केंद्र सरकार पर झारखंड के 1.36 लाख करोड़ रुपये बकाया हैं. मुख्यमंत्री ने कहा, ''पहले तो केंद्र सरकार ने इसे टालने की कोशिश की. फिर मेरी आवाज दबाने के लिए ईडी-सीबीआई को भेजा लेकिन हम सदियों से अपने अधिकारों के लिए लड़ते आ रहे हैं.'' मुख्यमंत्री 'आपकी योजना, आपकी सरकार, आपके द्वार' अभियान के तहत गिरिडीह में थे, जहां उन्होंने 335 करोड़ रुपये की 137 परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा, ''अगर झारखंड को केंद्र सरकार से उसका बकाया मिल जाता तो हम लाखों लोगों को आवास उपलब्ध करा पाते, युवाओं को रोजगार के लिए दूसरे राज्यों में पलायन नहीं करना पड़ता और आज जो घरेलू गैस सिलेंडर 1000 रुपये में मिल रहा है उसे 500 रुपये में दिया जाता. ग्रामीण स्तर पर उत्कृष्ट विद्यालय स्थापित किए जाते.''
इससे पहले राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने भी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर हमला बोला था. पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने CM हेमंत सोरेन पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से भागने का भी आरोप लगाया. उन्होंने कहा, 'यदि मुख्यमंत्री ने कुछ गलत नहीं किया है, तो वह ईडी से भाग क्यों रहे हैं? यदि उन्होंने कुछ गलत नहीं किया और कोई काली कमाई नहीं की, तो उन्हें ईडी का साहस के साथ सामना करना चाहिए.'
पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने कहा, 'अपराधियों, कोयला चोरों और पुलिस के बीच साठ गांठ ने झारखंड में कानून-व्यवस्था की स्थिति को पंगु बना दिया है. कोयला संपन्न धनबाद में पूरी मशीनरी कोयला चोरी में शामिल है और इसका हिस्सा मुख्यमंत्री को सीधे जाता है.'
(इनपुट भाषा के साथ)