राजधानी में झारखंड आर्म्ड फोर्स के जवानों की दुर्गा पूजा अपने आप में अनोखी मानी जाती है. 1880 से जैप 1 ग्राउंड में माँ दुर्गा की आराधना होती आ रही है.
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रांचीः राजधानी रांची के डोरंडा स्थित जैप 1 ग्राउंड में कलश स्थापना के साथ नवरात्रि की पूजा शुरू हो गयी. विधि विधान से पूजा अर्चना के साथ जवानों ने फायरिंग कर सलामी दी तो वहीं बैंड डिस्प्ले का भी प्रदर्शन किया गया. जैप 1 के कमांडेंट वाई एस रमेश अपनी पत्नी के साथ कलश स्थापना पूजा में शामिल हुए.
1880 का इतिहास है झारखंड आर्म्ड फोर्स के जवानों की पूजा
राजधानी में झारखंड आर्म्ड फोर्स के जवानों की दुर्गा पूजा अपने आप में अनोखी मानी जाती है. 1880 से जैप 1 ग्राउंड में माँ दुर्गा की आराधना होती आ रही है. झारखंड में नक्सलियों से लोहा लेने और वीआईपी सुरक्षा की कमान संभालने वाले गोरखा जवान पूरे नवरात्र मां दुर्गा के भक्ति में लीन रहते है. जैप वन में गोरखा जवानों ने नवरात्र के पहले दिन सोमवार को पूरे विधि-विधान से कलश स्थापना कर मां दुर्गा को फायरिंग कर सलामी दी गई.
झारखंड आर्म्ड पुलिस में नवरात्र के पहले दिन गुरुवार को पूरे विधि-विधान से कलश स्थापना की गई. इस मौके पर गोरखा जवानों ने बंदूकों से फायरिंग कर दुर्गा मां को सलामी दी. वहीं, महासप्तमी और नवमी के अवसर पर एक बार फिर फायरिंग कर मां को सलामी दी जाएगी. शक्ति के उपासक गोरखा जवानों ने बताया कि यहां नवरात्र पूजा का इतिहास काफी पुराना है. अंग्रेजों के जमाने से 1880 से ही यहां पर मां का दरबार सज रहा है.
नवमी में होती है अस्त्र-शस्त्र की पूजा
नवरात्र में यहां पिस्टल, यूबीजीएल, रॉकेट लॉन्चर, इंसास, एके-47, एसएलआर, मशीन गन, एलएमजी, मोर्टार, गोला-बारूद और गोलियों की भी पूजा की जाती है. गोरखा जवानों के अनुसार मां हमेशा उनकी रक्षा करती हैं, क्योंकि वह पूरे नवरात्र तन मन से मां की भक्ति में लीन रहते हैं. गोरखा जवानों के हथियारों की पूजा के पीछे ऐसी मान्यता रही है कि गोरखा या नेपाली संस्कृति पुरातन समय से ही शक्ति के उपासक रहे हैं. ऐसे में बलि की प्रथा प्राचीन काल से चली आ रही है और अब इनकी संस्कृति का हिस्सा बन गई है. जवानों के मन में विश्वास है कि शक्ति की देवी मां दुर्गा की पूजा करने से वे हर जगह जवानों की रक्षा करती हैं. इसलिए वे हर पूजा में मां दुर्गा को बलि अर्पित करते हैं.
101 बकरों की दी जाती है बली
महानवमी के दिन जैप के जवानों द्वारा मां के चरणों मे 101 बकरों की बलि दी जाती है. हर बलि के बाद मां को फायरिंग कर सलामी दी जाती है. इस बटालियन में बलि और हथियारों की पूजा का अपना ही एक खास महत्व होता है. महानवमी के दिन गोरखा जवान अपने हथियार मां दुर्गा के चरणों मे रख कर पूजा करते हैं. मां के चरणों में बलि देते हैं, गोरखा जवानों में हथियारों की पूजा की परंपरा इस बटालियन के गठन के समय से ही चली आ रही है. इनका मानना है कि दुश्मनों से मुकाबले के समय उनके हथियार धोखा न दे और सटीक चले इसलिए वे मां दुर्गा के सामने हर नवमी को अपने अपने हथियारों की पूजा बड़े ही श्रद्धा भाव से करते हैं.
झारखंड आर्म्ड फोर्स के जवान हर समय कानून व्यवस्था कि स्थिति को बेहतर बनाए रखने के लिए तत्पर रहते हैं. वे नक्सलियों से लोहा तो लेते ही हैं साथ ही लगभग झारखंड के हर वीआईपी की सुरक्षा का भार भी उन्हीं के ऊपर है. ऐसे में वे यह मानते हैं कि अगर नवरात्र में मां दुर्गा जो शक्ति का रूप हैं वह खुश रहें तो उनकी कृपा हमेशा इस बटालियन पर बनी रहेगी और वे अपने देश की रक्षा सदैव कर पाएंगे.
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