Saryu Rai: झारखंड की राजनीति के दिग्गज नेता सरयू राय ने आज नीतीश की पार्टी जेडीयू का दामन थाम दिया है. जेडीयू के कार्यकारी अध्यक्ष व राज्यसभा सांसद संजय झा ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई.
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जमशेदपुर: झारखंड के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री, जमशेदपुर पूर्वी से निर्दलीय विधायक सरयू राय ने आज नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू का दामन थाम लिया है. ऐसे में झारखंड होने वाले चुनाव से पहले सियासी दलों में बेचैनी बढ़ गई है. सरयू राय को जेडीयू के कार्यकारी अध्यक्ष व राज्यसभा सांसद संजय झा ने जेडीयू की सदस्यता ग्रहण कराई. बता दें कि इससे पहले सरयू राय ने पटना में कुछ दिन पूर्व सीएम नीतीश कुमार से मुलाकात की थी. जिसके बाद से उनके जेडीयू में शामिल होने की संभावना जताई जा रही थी.
झारखंड की राजनीति के दिग्गज नेता माने जाने वाले वाले निर्दलीय विधायक सरयू राय की गिनती पहले झारखंड बीजेपी के बड़े नेताओं में होती थी. सरयू का जन्म साल 1951 में बिहार के तत्कालीन शाहाबाद जिले के खनीता गांव में हुआ था जो वर्तमान के बक्सर जिले के अंतर्गत आता है. सरयू राय शुरुआत से ही आरएसएस और जन संघ का हिस्सा रहे थे. बाद में वो भाजपा में शामिल हो गए. हालांकि, अपना पहला चुनाव उन्होंने झारखंड के अलग राज्य बनने के बाद लड़ा था. साल 2005 में बीजेपी के टिकट पर उन्होंने जमशेदपुर पश्चिम से चुनाव लड़ा और उन्हें इस चुनाव में जीत भी मिली. हालांकि, साल 2009 में हुए विधानसभा चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा. लेकिन साल 2014 में उन्होंने फिर चुनाव लड़ा और जीते. इस बार उन्हें रघुवर दास की सरकार में मंत्री भी बनाया गया.
कुछ दिन बाद से ही झारखंड के तत्कालीन सीएम रघुवर दास से उनका रिश्ता बिगड़ता चला गया. 2019 के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने सरयू राय का टिकट काट दिया. जिसके बाद सरयू राय इस चुनाव में रघुबर दास के खिलाफ जमशेदपुर पश्चिम की जगह जमशेदपुर पूर्वी से निर्दलीय चुनाव लड़ा और तत्कालीन मुख्यमंत्री को उनके सीट से चुनाव हरा दिया.
राजनीति के अलावा सरयू राय ने भ्रष्टाचार के कई मामलों को उजागर किया है. बिहार का चर्चित पशुपालन घोटाले का खुलासा करने का श्रेय सरयू राय को ही जाता है. इस मामले में राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव र जगन्नाथ मिश्र सहित नेताओं और अफसरों को जेल जाना पड़ा था. तब झारखंड भी बिहार राज्य का ही हिस्सा हुआ करता था. इसके बाद सरयू राय ने ही झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा पर खनन घोटाले का आरोप लगाया था. जिसके बाद मामले ने जब तूल पकड़ा तो मधु कोड़ा को इस्तीफा देना पड़ा.