2024 में बिहार के रास्ते दिल्ली दरबार पहुंच पाएंगे पीएम मोदी, लालू के करीबी ने कर दी बड़ी भविष्यवाणी!
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2024 में बिहार के रास्ते दिल्ली दरबार पहुंच पाएंगे पीएम मोदी, लालू के करीबी ने कर दी बड़ी भविष्यवाणी!

बिहार में इस बार क्या होनेवाला है यह किसी के लिए भी अनुमान लगाना मुश्किल है. 7-8 महीने में बिहार की राजनीति ने जिस तरह से करवट बदली है उसको लेकर सबको लग गया है कि यहां की राजनीतिक फिजा का अनुमान लगाना अभी मुश्किल है.

(फाइल फोटो)

पटना: बिहार में इस बार क्या होनेवाला है यह किसी के लिए भी अनुमान लगाना मुश्किल है. 7-8 महीने में बिहार की राजनीति ने जिस तरह से करवट बदली है उसको लेकर सबको लग गया है कि यहां की राजनीतिक फिजा का अनुमान लगाना अभी मुश्किल है. भाजपा यहां 40 सीट जीतने का दावा कर रही है वह भी बिना नीतीश के साथ के तो वहीं राजद की तरफ से साफ कहा जा रहा है कि बिहार में भाजपा अपने उलटे परिणाम की संभावना को देखकर परेशानी में है.

दरअसल राजद का मानना है कि बिहार में भाजपा को 1 सीट पर जीत हासिल होगी और इस वजह से वह दिल्ली की सत्ता से भी बेदखल हो जाएगी. भाजपा के लिए बिहार में 2024 के चुनाव का परिणाम चौंकाने वाला होगा. राजद के नेता शिवानंद तिवारी की मानें तो बिहार में 2024 के परिणाम को सोचकर भाजपा डरी हुई है. शिवानंद ने कहा कि भाजपा को 2015 का चुनाव याद है तब तो केवल जदयू और राजद ही साथ थी अब तो वाम दल भी इश गठबंधन का हिस्सा हैं. ऐसे में भाजपा के लिए लोकसभा से लेकर 2025 का बिहार विधानसभा चुनाव केंद्र और बिहार में उनकी जड़े उखाड़ देने वाला होगा. यह बात भाजपा जान रही है और यही वजह है कि वह डरी हुई है. 

शिवानंद तिवारी ने दावा किया कि बिहार में भाजपा के खिलाफ ऐसा माहौल तैयार है कि यहां महागठबंधन भाजपा के पिछले लोकसभा चुनाव के परिणाम को उलट देगी. अगर यह हुआ तो भाजपा को केंद्र की सत्ता से भी हाथ धोना पड़ेगा. ऐसे में अब केंद्र में मोदी की सरकार नहीं बन पाएगी यह बिहार ही तय करेगा. 

शिवानंद तिवारी ने कहा कि बिहार में अमित शाह के द्वारा रैली में जिस तरह की भाषा का प्रयोग किया गया वह उसी हार के डर को दर्शा रहा था. शिवानंद तिवारी ने कहा कि बिहार में हिंसा को लेकर जिस तरह का बयान अमित शाह ने दिया वह उनके हार के डर का संकेत है. उन्होंने कहा कि बिहार में दंगे के बाद हालात कैसे हैं इसके बारे में केंद्रीय गृहमंत्री ने सीएम नीतीश से बातचीत नहीं की बल्कि राज्यपाल से इसके बारे में जानकारी ली. जबकि अमित शाह को पता होना चाहिए कि बिहार में भी एक सरकार है और संघीय ढांचे के तहत यहां भी यह शासन व्यवस्था है. 

शिवानंद तिवारी ने साफ कहा कि नवादा में अमित शाह ने अपनी सभा में बिहार के लिए अपमानजनक भाषा का प्रयोग किया. बिहार की सरकार को दंगाइयों की सरकार कहा. यह सब भाजपा के भीतर का डर था जो बोला जा रहा था. 

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