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Lok Sabha election 2024: बिहार में एक बार फिर से नीतीश सरकार के मंत्रीमंडल विस्तार की चर्चा शुरू हो गई है. कांग्रेस की तरफ से इस चर्चा को नया रूप दिया गया है. दरअसल बिहार के रास्ते केंद्र की सत्ता के शिखर पर पहुंचने की कोशिश में बिहार के सत्ताधारी सियासी दलों के गठबंधन ने अन्य विपक्षी पार्टियों के साथ मिलकर एक गठबंधन बना लिया. इस I.N.D.I.A गठबंधन की तीन बैठकें हो चुकी है लेकिन अब कांग्रेस के बाद बचे सभी सियासी दलों का सब्र टूटता नजर आ रहा है. दरअसल इस गठबंधन में बाकी के दल इस छटपटाहट में हैं कि सीट शेयरिंग को लेकर अभी तक कोई बात हो नहीं पाई है. वहीं कांग्रेस इस सीट शेयरिंग के काम को 5 राज्यों में होनेवाले विधानसबा चुनाव तक टालना चाह रही है.
ऐसे में बिहार में I.N.D.I.A गठबंधन में शामिल दलों के नेता इस बात का दावा करते रहे हैं कि सीट शेयरिंग को लेकर किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं है जबकि कांग्रेस के नेता और बिहार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ अखिलेश प्रसाद सिंह ने गुरुवार को सासाराम में जो कुछ कहा वह गठबंधन दलों की नींद उड़ाने के लिए काफी है. दरअसल अखिलेश प्रसाद सिंह ने सासाराम सीट को लेकर दावा कर दिया कि यह कांग्रेस की परंपरागत सीट है और बाबू जगजीवन राम से लेकर मीरा कुमार तक सबसे ज्यादा बार इस सीट पर कांग्रेस ने कब्जा जमाया है. ऐसे में इस सीट पर कांग्रेस लड़ेगी. वहीं इसके साथ ही उन्होंने यहां कह दिया कि बिहार में 9 सीटों पर 2019 का लोकसभा चुनाव कांग्रेस लड़ी थी इस बार एक दो ज्यादा सीटों पर ही चुनाव लड़ेगी. मतलब कांग्रेस अध्यक्ष का साफ कहना था कि बिहार में कांग्रेस 11 से 12 सीटों पर चुनाव लड़नेवाली है.
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अब आज यानी शुक्रवार को अखिलेश प्रसाद सिंह ने एक और राजनीतिक शगुफा छोड़कर गठबंधन के दलों की बेचैनी बढ़ा दी है. कांग्रेस पहले से ही नीतीश सरकार में और मंत्रीपद की डिमांड करती रही है. ऐसे में कांग्रेस अब जल्द से जल्द मंत्रीमंडल विस्तार की बात कर रही है. वह नीतीश कुमार से नए मंत्रियों को जल्द मंत्रीमंडल में शामिल करने की डिमांड कर रहे हैं.
कांग्रेस इससे पहले भी अपने कोटे से दो और मंत्री पद चाहती है. इसके अलावा राजद कोटे से भी दो पद खाली पड़े हैं. उन्होंने सासाराम में ही कहा कि कांग्रेस कोटे के जो दो मंत्री पद खाली हैं. उन्हें जल्द से जल्द भरा जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि इसके बारे में वह नीतीश कुमार को कह चुके हैं और एक बार फिर कहेंगे. पटना की बैठक में भी राहुल गांधी ने नीतीश कुमार और लालू यादव से इस बारे में पूछा था कि नए मंत्री कब बनाए जा रहे हैं.
अब ऐसे में लोकसभा चुनाव में I.N.D.I.A गठबंधन में सीट शेयरिंग के फॉर्मूले से ठीक पहले कांग्रेस का इस तरह लगातार दिया जा रहा बयान किसी ना किसी तरह से गठबंधन के बाकी दलों पर दबाव डालने की कोशिश ही तो है. राजनीति के जानकार इस बात को मानते हैं कि बिहार में सीट शेयरिंग के पहले कांग्रेस अपने सहयोगी दलों पर एक प्रएसर क्रिएट करना चाहती है.