Delhi Election 2025: दिल्ली चुनाव में कांग्रेस कितनी मजबूर है, इसका अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि पार्टी का एक वरिष्ठ नेता ऐलान करने के बाद भी एक प्रेस वार्ता नहीं कर पा रहा है. शायद यह प्रेस वार्ता कभी हो भी न. एक पार्टी और उसके कार्यकर्ता के लिए क्या यह सही है?
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दिल्ली कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजय माकन (Ajay Makan) ने इसी साल 22 जनवरी को एक ट्वीट किया था, जिसमें लिखा था- केजरीवाल सरकार का 382 करोड़ का घोटाला. कुछ ही देर में देखें- मेरी प्रेस वार्ता. कांग्रेस का दुर्भाग्य देखिए कि आज तक वह प्रेस वार्ता हुई ही नहीं. आखिर कांग्रेस किसके दबाव में आ गई? इससे पहले 26 दिसंबर, 2024 को अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) की आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस को चेतावनी देते हुए कहा था कि अपने नेताओं के खिलाफ एक्शन लें वरना इंडिया ब्लॉक से उसे बाहर करने के लिए अन्य दलों से बातचीत की जाएगी. कांग्रेस इतनी हतप्रभ और मजबूर थी कि वह अरविंद केजरीवाल की पार्टी की ओर से दी गई चेतावनी पर भी ठीक से रिएक्ट नहीं कर पाई. हालांकि दिल्ली यूनिट के कुछ नेताओं ने अरविंद केजरीवाल और उसकी पार्टी को आंख दिखाने की कोशिश की पर आलाकमान के इशारे पर उन्होंने अपने तेवर भी ढीले कर लिए. इसी कड़ी में राहुल गांधी (Rahul Gandhi) का पटना दौरा भी महत्वपूर्ण मान सकते हैं.
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18 जनवरी, 2025 को राहुल गांधी पटना में थे और पहले से तय कार्यक्रम के अलावा वे लालू परिवार से मिले थे. माना जा रहा है कि इसी भेंट मुलाकात में राहुल गांधी को राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने ऐसा गुरुज्ञान दिया होगा कि राहुल गांधी और पूरी कांग्रेस पार्टी के तेवर दिल्ली चुनाव में ढीले हो गए. यह बताने की जरूरत नहीं है कि कांग्रेस को छोड़कर पूरा इंडिया ब्लॉक दिल्ली चुनाव में आम आदमी पार्टी के साथ है. राष्ट्रीय जनता दल ने तो आम आदमी पार्टी के समर्थन में कांग्रेस के साथ चुनाव लड़ने से भी मना कर दिया है. पिछले चुनाव में राष्ट्रीय जनता दल 3 सीटों पर चुनाव लड़ी थी, लेकिन इस चुनाव में राजद का एक भी उम्मीदवार मैदान में नहीं है. पटना में पत्रकारों के एक सवाल के जवाब में भी तेजस्वी यादव ने आम आदमी पार्टी के पक्ष में आवाज बुलंद की थी.
लालू प्रसाद यादव से मुलाकात के बाद राहुल गांधी ने 23 जनवरी को एक रैली सीलमपुर में और दूसरी रैली 28 जनवरी को पटपड़गंज में की. सीलमपुर और पटपड़गंज दोनों ही रैलियों में राहुल गांधी ने भाजपा के खिलाफ ज्यादा से ज्यादा फोकस किया और आम आदमी पार्टी के खिलाफ ज्यादा आक्रामक होने से बचते रहे. दिल्ली चुनाव कांग्रेस कितनी गंभीरता से लड़ रही है, इसका अंदाजा तो इसी से लगाया जा सकता है कि पार्टी के शीर्ष नेता की अब तक केवल 2 रैलियां हुई हैं और प्रियंका गांधी तो अभी तक चुनावी रण में उतरी भी नहीं हैं. 28 जनवरी को भजनपुरा में उनकी रैली थी, लेकिन खबर आ रही है कि 30 जनवरी को वे मुस्तफाबाद, करावलनगर और भजनपुरा में एक रोड शो कर सकती हैं. पूरे चुनाव में प्रियंका गांधी का अब तक यह पहला कार्यक्रम बना हुआ है. इसके बाद उनका कोई कार्यक्रम होगा या नहीं, इस बारे में अभी आधिकारिक रूप से कोई सूचना नहीं है.
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दूसरी ओर, राहुल गांधी की 24 जनवरी को मुस्तफाबाद, करावलनगर में कार्यक्रम बना था लेकिन बताया जा रहा है कि गले में इंफेक्शन होने के कारण राहुल गांधी इन रैलियों में नहीं जा सके. इसके अलावा 25 जनवरी को उनका इंद्रलोक में भी रैली करने का कार्यक्रम तय था पर वे वहां भी नहीं जा पाए. ध्यान देने की बात यह है कि चुनाव दिल्ली में है पर राहुल गांधी और कांग्रेस आलाकमान का कार्यक्रम मध्य प्रदेश में महू में बन रहा है. हालांकि मध्य प्रदेश में हाल में कोई चुनाव नहीं है. इसी से आप दिल्ली चुनाव के प्रति कांग्रेस की गंभीरता का अंदाजा लगा सकते हैं. साफ है कि लालू प्रसाद यादव ने आम आदमी पार्टी के पक्ष में राहुल गांधी को कांग्रेस को अधिक सीरियस न होने की सलाह दी हुई है. अन्यथा शुरुआत में कांग्रेस दिल्ली चुनाव को बहुत गंभीरता से ले रही थी और इससे अरविंद केजरीवाल परेशान भी हो रहे थे पर अब ऐसा होता नहीं दिख रहा है. दरअसल, लालू प्रसाद यादव ने राहुल गांधी को यह समझाया होगा कि इस समय विपक्ष के रूप में अरविंद केजरीवाल का दिल्ली चुनाव जीतना कितना जरूरी है.