Anti Paper Leak Bill: सरकार ने पेपर लीक पर नकेल करने के लिए एंटी चीटिंग बिल को पास कर दिया है. इस बिल में कई ऐसे प्रावधान हैं जिससे पेपर लीक करने वाले गैंग के खिलाफ सख्त एक्शन लिया जा सकता है.
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पटना: Anti Paper Leak Bill: संसद में पारित 'लोक परीक्षा (अनुचित साधन रोकथाम) विधेयक, 2024' वैसे नाम तो है आम बोलचाल में लोग एंटी पेपर लीक बिल कह रहे हैं. वही बिल पास होने के बाद संसद में ज्यादातर सांसदों ने इसकी तारीफ की, वहीं कुछ लोगों ने अपने निजी अनुभव भी साझा किए. बिहार के छपरा से सांसद राजीव प्रताप रूडी ने बताया अपना अनुभव साझा करते हुए कहा कि कैसे उनके सेलेक्शन वाली लिस्ट को फाड़ दिया गया था. फिर उन्हें कोर्ट जाना पड़ा और आखिर में उन्हें सरकारी नौकरी मिली.
दरअसल, केंद्र सरकार ने परीक्षा पेपर लीक मामले को लेकर सख्त रवैया अपनाया है. इसके लिए लोकसभा से 'लोक परीक्षा (अनुचित साधन रोकथाम) विधेयक, 2024' पास कराया गया. जिसके बाद पेपर लीक मामले में कोई भी पकड़ा जाता है तो 10 साल की जेल और एक करोड़ रुपए जुर्माने का प्रावधान है. वहीं अगर कोई संस्थान दोषी पाया गया तो उसकी संपत्ति भी जब्त करने का प्रावधान है.
एंटी पेपर लीक बिल की बड़ी बातें
पेपर लीक या फिर नकल करवाने में अगर कोई दोषी पाया जाता है तो 3-5 साल की जेल, 10 लाख रुपए तक का जुर्माना।
किसी भी इंस्टीट्यूट/कोचिंग की अगर पेपर लीक मामले में भागीदारी होती है, तो उससे पूरा खर्च वसूला जाएगा.
इंस्टीट्यूट की पूरी संपत्ति भी जब्त करने के साथ साथ उस पर एक करोड़ रुपए का जुर्माना लग सकता है.
इसके अलावा उस इंस्टीट्यूट/कोचिंग के प्रबंधन और निदेशक पर कड़ी कार्रवाई करने का भी प्रावधान है.
अगर आपकी जगह पर कोई दूसरा इंसान परीक्षा देते पकड़ा जाता है, तब भी आपको 3-5 साल की जेल और जुर्माना.
यूपीएससी, रेलवे, बैंकिंग,एसएससी, एनटीए और केंद्र की ओर से आयोजित होने वाली सभी प्रतियोगी परीक्षाओं पर ये नियम लागू.
राज्य सरकार भी अब एंटी पेपर लीक मुहिम में शामिल, इसे लेकर असम सरकार ने बड़ा कदम उठाया है.
मीडिया रिपोर्ट की मानें तो 2017-23 के बीच देश में पेपर लीक के 70 से अधिक मामले सामने आए हैं.
पेपर लीक की वजह से देश के अलग-अलग राज्यों के डेढ़ करोड़ से अधिक छात्र प्रभावित हुए हैं.
राजस्थान,हरियाणा, गुजरात, और उत्तराखंड में पेपर लीक के खिलाफ पहले से कानून लागू हैं.
राजस्थान पेपर लीक मामले में तो उम्रकैद की सजा तक का प्रावधान है.
हरियाणा के कानून की बात करें तो दोषी की संपत्ति नीलाम कर खर्च वसूला जा सकता है.
लोकसभा में लोक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) विधेयक, 2024 को पास करने के दौरान खूब बहस हुई. इस बीच बहस के दौरान छपरा से सांसद राजीव प्रताप रूडी ने अपना निजी अनुभव शेयर करते हुए बताया कि 1987 में बिहार यूनिवर्सिटी सर्विस कमीशन के इंटरव्यू में वो पास कर हो गए थे. मगर, 1990 में जब सरकार बनी तो उन्हें पता चला कि राजीव प्रताप रूडी का सेलेक्शन हुआ है तो रिजल्ट वाली कॉपी को ही उसने फाड़ डाला. (उस लालू यादव बिहार के सीएम थे) जिसके बाद उन्होंने फिर कोर्ट से लड़कर नौकरी हासिल की. रूडी ने इसके साथ ही बीपीएससी पेपर लीक मामले का भी जिक्र किया.