Bihar Flood: बिहार को बाढ़ से मिलेगी राहत, संजय झा ने केंद्र की कमेटी से मुलाकात
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Bihar Flood: बिहार को बाढ़ से मिलेगी राहत, संजय झा ने केंद्र की कमेटी से मुलाकात

Bihar Flood: बिहार में हर साल आने वाले बाढ़ की समस्या के समाधान के लिए केंद्र द्वारा बनाए गए पांच सदस्यीय उच्च स्तरीय कमेटी से राज्यसभा सांसद संजय झा ने मुलाकात की.

संजय झा ने की केंद्र की कमेटी से मुलाकात

पटना: जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद संजय झा ने बीते दिनों बिहार में बाढ़ से होने वाले नुकसान को लेकर दिल्ली में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात की थी. जिसके बाद केंद्रीय जल आयोग ने जांच के लिए पांच सदस्यीय उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया था. जो नेपाल में भारी बारिश के चलते उत्तर बिहार की नदियों में आने वाली बाढ़ के पानी का बेहतर प्रबंधन करने की दिशा में अपने सुझाव देने वाली है.

राज्यसभा सांसद संजय झा ने गुरुवार को अपने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि हमें शेयर करते हुए खुशी है कि उत्तर बिहार में बाढ़ का दीर्घकालिक समाधान तलाशने के मेरे अनुरोध पर केंद्र सरकार द्वारा गठित उच्चस्तरीय समिति के साथ आज पटना स्थित आवास पर हुई बैठक में इस मुद्दे पर सार्थक विचार-विमर्श हुआ. बिहार के जल संसाधन मंत्री के रूप में काम करने के अपने अनुभवों के आधार पर मैंने बाढ़ के दीर्घकालिक समाधान के लिए कई सुझाव दिये और समिति ने मेरे सुझावों को गंभीरता से नोट किया.

संजय झा ने आगे लिखा कि इस समिति की रिपोर्ट के आधार पर बाढ़ के दीर्घकालिक समाधान के लिए एक विस्तृत कार्य योजना तैयार की जाएगी. मुझे विश्वास है, एनडीए की डबल इंजन की सरकार उत्तर बिहार में हर साल बाढ़ के रूप में आने वाली आपदा को अवसर में तब्दील करेगी. हमारे उत्तर बिहार की भूमि काफी उपजाऊ है. वहां बाढ़ का दीर्घकालिक समाधान होने और अधिशेष नदी जल का सिंचाई में अधिकतम उपयोग होने पर संपूर्ण उत्तर बिहार में तेजी से विकास का मार्ग प्रशस्त होगा.

संजय झा ने बताया कि इससे पहले 28 जून की शाम केंद्रीय विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर और केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय की सचिव देबश्री मुखर्जी के अलावा वित्त, विदेश और जलशक्ति मंत्रालय तथा केंद्रीय जल आयोग के कुछ वरीय अधिकारी के साथ मीटिंग हुई थी. इस मीटिंग में उत्तर बिहार में बाढ़ के प्रभाव को कम करने के उद्देश्य से बेहतर नये बराज के निर्माण की संभावना तलाशने और नदी जल प्रबंधन का एक विस्तृत खाका तैयार करने के मुद्दे पर विस्तृत चर्चा हुई. मैंने विस्तार से बताया कि नेपाल से आने वाली नदियों की बाढ़ उत्तर बिहार के विकास की राह में कितनी बड़ी बाधा है. साथ ही, बाढ़ से जानमाल की सुरक्षा के कार्यों और राहत एवं पुनर्वास के उपायों में बिहार सरकार को हर साल बड़ी राशि खर्च करनी पड़ती है, जिससे राज्य का विकास प्रभावित होता है.

उन्होंने वित्त मंत्री का आभार जताते हुए कहा कि मैं आभारी हूं केंद्रीय वित्त मंत्री का, कि उनकी व्यक्तिगत अभिरुचि के कारण उस मीटिंग में तय किया गया कि एक उच्च स्तरीय समिति उत्तर बिहार की विभिन्न नदियों के जल के बेहतर प्रबंधन के लिए नये बराज एवं अन्य संरचनाओं के निर्माण की संभावनाओं का पता लगाएगी. केंद्रीय जल आयोग द्वारा उसी शाम पांच सदस्यीय समिति का गठन भी कर दिया गया. समिति में लोअर गंगा बेसिन ऑर्गेनाइजेशन (LGBO), पटना के मुख्य अभियंता अंबरीश नायक, गंगा बाढ़ नियंत्रण आयोग (GFCC) के डायरेक्टर संजीव कुमार, केंद्रीय जल आयोग के तहत BCD के डायरेक्टर एस के शर्मा, जल संसाधन विभाग, बिहार सरकार के प्रतिनिधि रवींद्र शंकर और LGBO के सुपरिंटेंडिंग इंजीनियर शामिल हैं.

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