शिक्षा मंत्री डॉ. चंद्रशेखर के सरकारी आप्त सचिव ने विभाग के अपर मुख्य सचिव को लेकर एक पीत पत्र लिखा था. पत्र में लिखा गया था कि ऐसा देखा जा रहा है कि कई मामलों में सरकार की कार्य संहिता के हिसाब से काम नहीं कराए जा रहे हैं.
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पटना: Bihar Politics: बिहार के शिक्षा मंत्री डॉ. चंद्रशेखर और विभाग के अधिकारी केके पाठक के बीच चल रहा विवाद धमने का नाम नहीं ले रहा है. दोनों ही एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगा रहे हैं. इस बीच मंत्री ने कहा कि जो लोग मंसूबा पालने का काम कर रहे है वो अपने जीवन में कबी सफल नहीं होंगे.
शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने कहा कि शिक्षा नीति को लेकर राजद कार्यालय में बैठक हुई है, उसी चर्चा में शामिल होने के लिए आए थे. शिक्षा नीति पर तमाम लोग अपनी राय दे रहे थे. उन्होंने कहा कि राजद और सरकार शिक्षा के बाजारीकरण से किसी भी स्तर पर अपने को अलग करेगी. राजद प्रदेश कार्यालय में इसलिए आज शिक्षा नीति पर चर्चा हुई है. उन्होंने कहा कि आगे भी इस पर चर्चा जारी रहेगी.
मुख्य सचिव केके पाठक से चल रही नाराजगी को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि मीडिया ने जो मंसूबा पाल रखा है, उस मंसूबे में मीडिया कभी भी कामयाब नहीं होगा. बता दें कि शिक्षा मंत्री डॉ. चंद्रशेखर के सरकारी आप्त सचिव ने विभाग के अपर मुख्य सचिव को लेकर एक पीत पत्र लिखा था. पत्र में लिखा गया था कि ऐसा देखा जा रहा है कि कई मामलों में सरकार की कार्य संहिता के हिसाब से काम नहीं कराए जा रहे हैं. इस पत्र के जवाब में आप्त सचिव को ही कड़ी फटकार लगी.
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के आदेश पर निदेशक प्रशासन की तरफ से उनके कार्यालय में प्रवेश पर भी रोक लगा दी गई. इस मामले को लेकर गुरुवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने आवास पर शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर और आईएएस केके पाठक से मुलाकात की थी.
डिस्क्लेमरः जानकारी के लिए बता दें कि यह खबर सीधे आईएएनएस न्यूज फीड से पब्लिश की गई है. इसके साथ जी बिहार झारखंड टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है.
इनपुट- आईएएनएस
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