Bihar Politics: लोकसभा चुनाव के बाद बिहार बीजेपी की यह पहली कार्यसमिति की बैठक है. लिहाजा, इस बैठक में लोकसभा चुनाव के परिणामों पर भी चर्चा के साथ-साथ आगामी विधानसभा चुनाव की रणनीति तय की जा सकती है.
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Bihar BJP Working Committee Meeting: बिहार में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं और इसके लिए बीजेपी ने अपनी रणनीति अभी से तैयार करनी शुरू कर दी है. इसी क्रम में पटना में आज (गुरुवार, 18 जुलाई) बीजेपी प्रदेश कार्यसमिति की बड़ी बैठक होने जा रही है. इस बैठक में प्रदेश इलाई के 4 हजार से ज्यादा नेता-कार्यकर्ता हिस्सा लेंगे. लोकसभा चुनाव के बाद बिहार बीजेपी की यह पहली कार्यसमिति की बैठक है. लिहाजा, इस बैठक में लोकसभा चुनाव के परिणामों पर भी चर्चा के साथ-साथ आगामी विधानसभा चुनाव की रणनीति तय की जा सकती है.
बैठक की अध्यक्षता भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी करेंगे और इसका उद्घाटन केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान करेंगे. यह पटना के एसकेएम हॉल में प्रदेश कार्यसमिति की बैठक बुलाई गई है. जानकारी के मुताबिक, बैठक का मुख्य उद्देश्य आगामी चुनावों की रणनीति पर चर्चा करना और कार्यकर्ताओं को एकजुट करना है. कहा तो ये भी जा रहा है कि इस बैठक में कुछ बड़े फैसले हो सकते हैं.
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जानकारी के अनुसार, इस बैठक में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह को निमंत्रित किया गया था, लेकिन उन्होंने स्वास्थ्य दिक्कतों के कारण आने से मना कर दिया था. इसके बाद प्रदेश के नेताओं ने शिवराज सिंह चौहान से अनुरोध किया था. जिस पर उन्होंने आने के लिए सहमति दे दी है. बैठक के अंत में केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान कार्यक्रमों और गतिविधियों के जरिए कार्यकर्ताओं में जोश भरेंगे. साथ ही लोकसभा चुनाव हार और विधानसभा के उपचुनाव पर चर्चा करेंगे.
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दूसरी ओर पीएम मोदी भी आज दिल्ली में पार्टी मुख्यालय में पार्टी के पुराने कार्यकर्ताओं से मुलाकात करेंगे. इसमें बिहार से भी कई बुजुर्ग पार्टी कार्यकर्ता दिखाई देंगे. प्रधानमंत्री सभी से बीते लोकसभा चुनाव पर उनका फीडबैक ले सकते हैं. वहीं राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि बिहार बीजेपी में इन दिनों गुटबाजी चरम पर है. नेता कई खेमे में बंटे हुए हैं. लोकसभा चुनावों में पार्टी को इसका खामियाजा भी उठाना पड़ चुका है. इसी कारण से बीजेपी के हाथों से वो सीटें निकल गईं, जिन पर पार्टी पिछले 20-25 सालों से अच्छा प्रदर्शन कर रही थी. लोकसभा चुनाव के बाद प्रदेश अध्यक्ष भी बदला जा सकता है. अगला प्रदेश अध्यक्ष कौन होगा, इसे लेकर संशय की स्थिति बनी हुई है. कार्यकर्ता भी पूरी तरह कंफ्यूज हैं. ऐसी स्थिति में कार्यसमिति की बैठक काफी जरूरी हो गई थी.