वर्षों से हृदय रोगों को उम्र बढ़ने के साथ होने वाली समस्या के तौर पर देखा जाता रहा है. हालांकि पिछले एक दशक में बिगड़ती जीवनशैली की आदतों और आहार में गड़बड़ी के कारण कम उम्र के लोग भी इस गंभीर समस्या के तेजी से शिकार होते जा रहे हैं. हृदय रोगों पर अगर समय रहते ध्यान न दिया जाए तो गंभीर स्थितियों में यह हार्ट अटैक के जोखिम को बढ़ा सकती है. हार्ट अटैक एक आपातकालीन स्थिति है, जिसमें समय पर उपचार न मिल पाने की स्थिति में मृत्य भी हो सकती है.
अचानक भूख कम होने लगे और दिन भर उल्टी जैसा मन रहता है, तो भी सावधान रहने की जरूरत है.
वजन बढ़ने लगे और पैर, टखनों या पेट में सूजन हो, तो यह हार्ट फेल होने का संकेत देता है. कई बार बेहोशी या फिर उसके जैसा महसूस होना हार्ट से जुड़ी समस्याओं का संकेत हो सकता है.
हाथ-पैरों में कमजोरी भी महसूस होती है. सीढ़ियां चढ़ने—उतरने के बाद बहुत थकान महसूस हो सकती है. हार्ट से संबंधित बीमारियों का एक मुख्य संकेत अपच होना है पर अक्सर लोग इसे अपच से जोड़ देते हैं.