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Jharkhand Forest: झारखंड का सारंडा वन जो अपनी हरियाली के लिए जाना जाता

Jharkhand Forest: सारंडा वन झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले में,  जिला मुख्यालय से लगभग 100 किलोमीटर दूर स्थित है और करीब 850 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है. सारंडा की रोमांचक यात्रा गुआ के हाथी चौक से शुरू होती है.

दो प्रमुख स्टेशन

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दो प्रमुख स्टेशन

सारंडा वन के पास दो प्रमुख स्टेशन हैं. एक है मनोहरपुर रेलवे स्टेशन जो हावड़ा मुंबई मुख्य रेल मार्ग पर स्थित है. दूसरा स्टेशन बड़ाजामदा 22 किलोमीटर दूर है. इस स्टेशन पर हावड़ा से बड़बिल तक चलने वाली जनशताब्दी एक्सप्रेस रुकती है.

 

ये पेड़ भी बड़ी संख्या में पाए जाते

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ये पेड़ भी बड़ी संख्या में पाए जाते

यहां साल के अलावा आम,जामुन, बांस और पलाश जैसे पेड़ बड़ी संख्या में पाए जाते है. इन ऊंचे और घने पेड़ों की छाया इतनी होती है कि सूरज की किरणें भी जंगल में आने से कतराती है. खासकर जब पलाश के फूल धरती पर आकर गिरते है. तो ऐसा लगता है मानो किसी ने जमीन पर लाल कालीन बिछा दी हो.

 

हाथी चौक

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हाथी चौक

सारंडा की रोमांचक यात्रा गुआ के हाथी चौक से शुरू होती है. यहां से 15 किलोमीटर का सफर तय कर आप किरीबुरू पहुंचते है. किरीबुरू पहुंचने पर वन विभाग से अनुमति लेकर ही जंगल में प्रवेश किया जा सकता है. 

किरीबुरू

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किरीबुरू

किरीबुरू में लगभग 13 किलोमीटर दूर स्थित थलकोबाद झरना है. जो भले ही आकार में छोटा हो लेकिन इसके आसपास का वातावरण बहुत ही सुंदर है. वन विभाग ने इस झरने पर एक चेक डैम भी बनाया है जहां स्थानीय लोग नौका विहार करते है.

नदी और झरने

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नदी और झरने

इस यात्रा में सारंडा की नदियों और झरनों को करीब से देखने का मौका मिलता है. जो बेहद सुखद अनुभव होता है. ऐसा लगता है जैसे हम प्रकृति की गोद में आ गए हों. यहां का स्वच्छ और प्रदूषण रहित वातावरण मन को शांति और सुकून का एहसास कराता है.