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Jharkhand Janmashtami 2024: झारखंड के श्री बंशीधर नगर में ऐसे बनाई जाती है जन्माष्टमी, जानिए इस मंदिर की कहानी

Jharkhand Janmashtami 2024: भगवान श्रीकृष्ण का जन्मदिन सोमवार को है. झारखंड के हर कोने में इस दिन को मनाने की तैयारियां चल रही हैं. बात करते है झारखंड के गढ़वा जिले के श्री बंशीधर नगर के बारे में. यहां आधी रात को घंटियों की आवाज सुनाई देगी और भगवान श्री कृष्ण का जन्मदिन मनाया जाएगा.  

श्री बंशीधर नगर में ऐसे बनाई जाती है जन्माष्टमी

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 श्री बंशीधर नगर में ऐसे बनाई जाती है जन्माष्टमी

 झारखंड के गढ़वा जिले के श्री बंशीधर नगर में श्री बंशीधर मंदिर को हर जन्माष्टमी पर सजाया जाता है. इस दिन भगवान श्री कृष्ण को नए वस्त्र और आभूषण पहनाएं जाते है. उन्हें माखन मिश्री और फल का भोग लगाया जाता है. इस उत्सव की रात को भजन-किर्तन किया जाता है.

 

मंदिर के नाम पर शहर का नाम

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मंदिर के नाम पर शहर का नाम

यह मंदिर गढ़वा जिले की पहचान है और झारखंड में इस मंदिर को खास माना जाता है. 1960 से 70 के बीच बिरला ग्रुप ने इस मंदिर का सुधार किया था. इस मंदिर में भगवान की मूर्ति इतनी सुंदर है कि लोग देखकर मंत्रमुग्ध हो जाते हैं. इसी मंदिर के नाम पर झारखंड सरकार ने इस शहर का नाम रखा था. 

रानी शिरोमणि श्री कृष्ण की भक्त

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रानी शिरोमणि श्री कृष्ण की भक्त

राजा भवानी सिंह की विधवा पत्नी रानी शिरोमणि भगवान श्री कृष्ण की भक्त थी और वह हर जन्माष्टमी पर व्रत रखती थी. मंदिर के गुंबद पर 1885 वर्ष लिखा है. जिससे उसकी पुरानी कहानी का पता चलता है. 

 

भगवान ने दिए दर्शन

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भगवान ने दिए दर्शन

भगवान श्री कृष्ण राजा भवानी सिंह के स्वप्न में आए और उन्हें कहा कि उन्हें नगर उंटानी ले चलो. रानी ने तुरंत जाने का फैसला कर लिया. बीस किलोमीटर जाने के बाद वे शिवपहरी पहाड़ी पर पहुंची और वहां खुदाई कर भगवान की मूर्ति ढूंढने लगी. जब वह नगर गढ़ के सिंह दरवाजे पर पहुंची तो उन्होंने भगवान श्री कृष्ण की मूर्ति को वहां स्थापित कर दिया. 

 

बांसुरी और छतरी चुराने वाले हो गए अंधे

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बांसुरी और छतरी चुराने वाले हो गए अंधे

यह मूर्ति मराठा शासकों के समय की बताई जाती है. 1930 में कुछ चोरों ने मंदिर से भगवान श्रीकृष्ण की बांसुरी और छतरी चुरा ली थी . लोगों का कहना है कि चोर अंधे हो गए थे. इसके बाद राज परिवार ने सोने की बांसुरी और छतरी बनवाकर मंदिर को दान की.