Jharkhand Magnolia Point: झारखंड का नेतरहाट लातेहार के समुद्र तल से 3,761 फीट ऊंचाई पर स्थित है. झारखंड के सबसे खूबसूरत हिल स्टेशनों में से एक है. जहां चरवाहा मधुर बांसुरी बजाया करता था.
नेतहाट में एक अंग्रेज अधिकारी की बेटी और एक चरवाहे की मूर्ति लगी हुई है. जो उनकी प्रेम कहानी को दर्शाती है. कहानी के अनुसार, एक अंग्रेज अधिकारी को नेतरहाट बहुत पसंद आया. वह अपने परिवार के साथ वहां घूमने आया और वही रुक गया. उसकी बेटी का नाम मैगनोलिया था.
नेतरहाट गावं में एक चरवाह था. जो रोज सनसेट प्वाइंट के पास अपने मवेशियों को चराता था. मवेशिया चराते समय वह वहां बैठ जाता और मधुर बांसुरी बजाता. उसकी बांसुरी की धुन की चर्चा आस-पास के कई गांवों में होती थी.
चरवाहे की बांसुरी की मधुर आवाज ने मैगनोलिया का दिल छू लिया और वह उससे प्यार करने लगी. वह उससे मिलने के लिए बेताब हो गई और सनसेट प्वाइंट पर आने लगी.
ऐसा कहा जाता है कि मैगनोलिया घर से भागकर रोज सनसेट प्वाइंट पर जाती थी. जहां चरवाहा उसे बांसुरी बजाकर सुनाता था. कुछ दिन बाद मैगनोलिया के पिता को पता चला वह बहुत गुस्सा हो गया. उसने पहले चरवाहे को समझाया और मैगनोलिया से दूर रहने को कहा, लेकिन चरवाहे ने दूर जाने के लिए मना कर दिया.
कहा जाता है कि अंग्रेज अधिकारी ने गुस्से में आकर उसने चरवाहे की हत्या करवा दी. चरवाहे की मौत से परेशान होकर मैगनोलिया घोड़े के साथ सनसेट प्वाइंट पर गई और घोड़े के साथ पहाड़ से कूद गई.
नेतरहाट में आज भी वह पत्थर मौजूद है जहां चरवाहा बांसुरी बजाया करता था. प्रशासन ने इस जगह को सुंदर तरीके से सजाया है. वहां मैगनोलिया और चरवाहे की मूर्ति लगाई है. यह जगह अधूरी प्रेम कहानी का गवाह है. यहां भारत के कई हिस्सों से लोग आते हैं.