Raksha Bandhan 2024: श्रावण मास का समापन रक्षाबंधन के पावन पर्व के साथ हो रहा है. जो इस साल 19 अगस्त 2024, सोमवार को मनाया जाएगा. यह एक ऐसा त्यौहार है जो भाई-बहन के रिश्ते को और भी मजबूत बनाता है. इस दिन बहनें अपने भाइयों के माथे पर तिलक लगाकर और राखी बांधकर उनकी लंबी उम्र की कामना करती हैं.
रक्षाबंधन पर तिलक और राखी बांधने के लिए शुभ मुहूर्त का पालन करना बहुत जरूरी है. मुहूर्त का चयन करने से पहले पंचांग का विशेष ध्यान रखें और शुभ समय का चयन करें. यदि आप बिना देखे तिलक करते हैं. तो इसका प्रभाव कम हो सकता है और यह शुभ नहीं माना जाएगा. इसलिए, हमेशा पंचांग देखकर ही शुभ समय का चयन करें और रक्षाबंधन के शुभ अवसर को और भी शुभ बनाएं.
तिलक करते समय जल का उपयोग करना अत्यंत महत्वपूर्ण होता है, क्योकि जल को पवित्रता और शुद्धता का प्रतीक माना जाता है जल का स्पर्श करने से तिलक का अनुष्ठान और भी अधिक पवित्र और शुभ हो जाता है, जिससे भाई की लंबी उम्र की कामना पूरी तरह से फलदायी होती है.। बिना जल के तिलक करना न केवल इसकी पवित्रता को कम करता है, बल्कि इस धार्मिक अनुष्ठान की सम्पूर्णता पर भी असर डाल सकता है। इसलिए तिलक करने से पहले जल का उचित उपयोग अवश्य करें।
तिलक और राखी बांधने के बाद भाई को मिठाई खिलाना एक अहम हिस्सा होता है. यह सिर्फ एक रिवाज नहीं, बल्कि भाई-बहन के रिश्ते में मिठास भरने का प्रतीक है.। तिलक और राखी की प्रक्रिया मिठाई के बिना अधूरी मानी जाती है, क्योंकि मिठाई इस रस्म की पूर्णता को दर्शाती है, इसलिए, तिलक के बाद भाई को मिठाई खिलाना न भूलें.
तिलक के बाद आरती करते समय धूप और दीपक का प्रयोग करना न भूलें, धूप और दीपक का उपयोग इस प्रक्रिया को पवित्रता और शुभता प्रदान करता है, जिससे आरती का महत्व और भी बढ़ जाता है. इसलिए, आरती करते समय धूप और दीपक का इस्तेमाल करना आवश्यक है. ताकि का हर चरण पूरी तरह से पूर्ण हो सके.
तिलक करने से पहले अपने हाथों को अच्छी तरह से धो लें. अशुद्ध हाथों से तिलक करना गलत माना जाता है और इससे पूजा का सकारात्मक प्रभाव घट सकता है.। हाथों की शुद्धता से तिलक का महत्व बढ़ जाता है, जिससे यह कार्य अधिक प्रभावी होती है.