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पटना: Atal Bihari Vajpayee Bihar Connection: बिहार के नेताओं का देश की राजनीति में खासी धमक रही है. बिहार की जमीन को केवल बिहार के नेता ही नहीं बल्कि दूसरे प्रदेश के नेता भी क्रांति की जमीन मानते हैं. कोई भी इंदिरा सरकार के खिलाफ बिहार से उठी आपातकाल के दौरान 1975 की जेपी वाली क्रांति की आंधी को भूल नहीं पाया है. आपको बता दें कि इसके साथ ही यहां के कल्चर, खान-पान और वेशभूषा को भी कई दूसरे प्रदेश के राजनेता भी खूब पसंद करते रहे हैं. आपको बता दें इसी में से एक नाम था अटल बिहारी वाजपेयी का, स्वभाव से सौम्य खाने के शौकीन अटल बिहारी वाजपेयी को जब भी मौका मिलता वह अपने पसंद के खाने के लिए देश में जहां होते वहां पहुंच जाते. उन्हें केवल पता होना चाहिए होता था कि किस जगह क कौन सी चीज खाने की कितनी प्रसिद्ध है.
वाजपेयी जी जितना खाने के शौकीन थे मेहमानबाजी भी उतनी ही दूसरों की शानदार करते थे. पक्ष-विपक्ष का कोई ऐसा नेता नहीं होगा जो वाजपेयी जी के इस अदा को पसंद ना करता हो. वह हर दल के नेताओं के बीच सम्मान पाते रहे. बता दें कि अटल बिहारी वाजपेयी केवल वेज नहीं नॉनवेज खाना भी खूब पसंद करते थे. पुरानी दिल्ली का करीम उनके पसंदीदा नॉनवेज रेस्टोरेंट में से एक था.
चाहे चुनावी यात्रा हो या कोई निजी कारण अटल जी का बिहार से इतना लगाव था कि यहां आना-जाना उनका लगा रहता था. ऐसे में बिहार का खाना उन्हें खूब भाता था. वह बिहार की सबसे फेमस लिट्टी-चोखा के तो दीवाने थे. उनको इसके साथ ही बक्सर की पापड़ी से मानो प्रेम सा हो गया था. अरे हां, सोनपापड़ी आप सही समझ रहे हैं. अटल जी की दीवानगी इसको लेकर हमेशा से बनी रही. ऐसे में वह जब भी बक्सर आते और सर्किट हाउस में रूकते तो यहां की पापड़ी का स्वाद चखे बिना कभी नहीं लौटे.
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यह बेसन से बनने वाली मुंह में मीठास भर देनेवाली पापड़ी हमेशा से चर्चा के केंद्र में रही है लेकिन अटल जी के तो मानो वह दिल में बसती थी. वह जब भी बक्सर आते तो लिट्टी-चोखा और पापड़ी उनके मैन्यू का हमेशा हिस्सा होता. उन्होंने हमेशा कहा कि मैं अटल भी हूं और बिहारी भी ऐसे में मेरा बिहार से कैसा खास कनेक्शन हैं सभी जानते होंगे.