Shrikant Kundlik Khandekar Profile: एक दिवसीय भारत बंद के दैरान पटना में हो रहे प्रदर्शन के बीच पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठी चार्ज किया. इस दौरान पटना एसडीएम पर भी पटना पुलिस ने लाठी चला दी. तो आइए हम आपको बताते हैं कि कौन हैं पटना में तैनात एसडीएम श्रीकांत कुंडलिक खांडेकर.
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पटनाः Shrikant Kundlik Khandekar Profile: अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (SC/ST) के आरक्षण के मुद्दे को लेकर आज (21 अगस्त) को एक दिवसीय भारत बंद के दौरान जगह-जगह लोग, नेता सड़कों पर उतरे. इस दौरान राजधानी पटना में प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच भी नोकझोंक देखने को मिली. पुलिस ने कई प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज भी किया. आज कई जगहों पर यातायात भी बाधित रहा, जिसे हटाने के लिए पुलिस को प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज करना पड़ा. वहीं इस दौरान पटना पुलिस ने बहुत बड़ी गढ़बढ़ भी हो गई.
दरअसल, इस दौरान पटना पुलिस ने पटना एसडीएम श्रीकांत कुंडलिक खांडेकर पर भी लाठी चला दी. इसके बाद यह चर्चा का विषय बन गया है. तो आइए हम आपको बताते हैं कि कौन हैं पटना में तैनात एसडीएम श्रीकांत कुंडलिक खांडेकर.
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2020 बैच के आईएएस अधिकारी हैं श्रीकांत
पटना में तैनात एसडीएम श्रीकांत कुंडलिक खांडेकर 2020 बैच के आईएएस अधिकारी हैं. उन्हें बिहार के नालंदा असिस्टेंट कलेक्टर अंदर ट्रेनिंग के पद पर नियुक्त किया गया था. ट्रेनिंग पूरी करने के बाद उनकी पहली पोस्टिंग पटना में एसडीएम के तौर पर हुई और वहां मौजूद समय में कार्यरत हैं. एसडीएम श्रीकांत कुंडलिक खांडेकर मूलरूप से महाराष्ट्र के सोलापुर जिले के मंगलवेढ़ा के बाबची गांव के रहने वाले हैं.
एसडीएम श्रीकांत ने पहले प्रयास में किया था यूपीएससी पास
एसडीएम श्रीकांत कुंडलिक खांडेकर ने पहले प्रयास में ही यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पास कर ली थी और ऑल इंडिया में 33वीं रैंक हासिल की थी. एसडीएम के पिता पढ़े लिखे नहीं हैं, लेकिन उन्होंने अपने बेटे को बड़ा आदमी बनाने के लिए तीन एकड़ जमीन बेच दी थी. श्रीकांत के पिता का सपना था कि उनका बेटा अच्छी पढ़ाई करें और हमेशा आगे रहें.
अपने गांव से ही की शुरुआती पढ़ाई
एसडीएम श्रीकांत कुंडलिक खांडेकर ने अपनी शुरुआती पढ़ाई गांव के ही स्कूल में की थी. सोलापुर गांव से ही 12वीं तक की पढ़ाई पूरी की है. फिर दापोली कृषि विश्वविद्यालय से इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की. जिसके बाद आईआईटी में उनका सिलेक्शन हुआ था, लेकिन उन्होंने आईआईटी में जाने का फैसला नहीं लिया और यूपीएससी सीएसई की परीक्षा देने का फैसला किया. जिसके बाद उन्होंने यूपीएससी सिविल परीक्षा की तैयारी की और पहले प्रयास में ही 33वीं रैंक से यूपीएससी परीक्षा पास की.