Dussehra 2024: तिथि को लेकर ना रहें भ्रमित, जानें दशहरा की सही तारीख
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Dussehra 2024: तिथि को लेकर ना रहें भ्रमित, जानें दशहरा की सही तारीख

Dussehra 2024: शास्त्रों के अनुसार दशहरा या विजयादशमी के दिन श्रवण नक्षत्र का होना बहुत शुभ और कल्याणकारी माना जाता है. इस साल श्रवण नक्षत्र 12 अक्टूबर 2024 को सुबह 5:25 बजे शुरू होगा और 13 अक्टूबर 2024 को सुबह 4:27 बजे खत्म होगा.

Dussehra 2024: तिथि को लेकर ना रहें भ्रमित, जानें दशहरा की सही तारीख

Dussehra 2024: दशहरा जिसे विजयादशमी के नाम से भी जाना जाता है, हिंदू धर्म का एक प्रमुख त्योहार है. यह पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है और पूरे देश में इसे बहुत ही श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया जाता है. दशहरा शारदीय नवरात्रि और दुर्गा पूजा के समापन के बाद आता है और इसका आयोजन विशेष रूप से उत्तर और पश्चिम भारत में धूमधाम से किया जाता है.

अश्विन माह में दशहरा पर्व
आचार्य मदन मोहन के अनुसार दशहरा हर साल अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है. यह त्योहार अच्छाई की जीत और रावण के संहार के रूप में मनाया जाता है. दशहरा सितंबर या अक्टूबर में आता है और इसकी तारीख हर साल बदलती रहती है. इस बार दशमी तिथि को लेकर कुछ भ्रम की स्थिति बन गई है, इसलिए सही जानकारी महत्वपूर्ण है.

कब है दशहरा 2024?
इस साल दशमी तिथि 12 अक्टूबर 2024 को मनाई जाएगी. पंचांग के अनुसार दशमी तिथि का प्रारंभ 12 अक्टूबर को सुबह 10:58 बजे होगा और इसका समापन 13 अक्टूबर को सुबह 09:08 बजे होगा. इसलिए, इस साल दशहरा 12 अक्टूबर 2024 को मनाया जाएगा.

श्रवण नक्षत्र का विशेष महत्व
शास्त्रों के अनुसार दशहरा के दिन श्रवण नक्षत्र का होना बहुत शुभ माना जाता है. इस साल श्रवण नक्षत्र 12 अक्टूबर 2024 को सुबह 05:25 बजे से शुरू होकर 13 अक्टूबर को सुबह 04:27 बजे तक रहेगा. श्रवण नक्षत्र के दौरान किया गया कोई भी धार्मिक कार्य विशेष फलदायी माना जाता है.

दशहरा पूजन का शुभ मुहूर्त
साथ ही इस साल दशहरा पूजन का विजय मुहूर्त 12 अक्टूबर 2024 को दोपहर 02:02 बजे से 02:48 बजे तक रहेगा. यह कुल 46 मिनट का समय है, जो पूजा के लिए सबसे अच्छा माना गया है. इस समय में पूजन और अन्य धार्मिक अनुष्ठान करना शुभ रहेगा. दशहरा पर्व अच्छाई की जीत और बुराई के अंत का प्रतीक है. यह पर्व हमें जीवन में सच्चाई और धर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है. इस दिन रावण दहन का आयोजन भी किया जाता है, जो बुराई के अंत का प्रतीक है.

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है, जिसका वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है.

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