Pooja Samagri: पूजा में कभी भी बासी नहीं पड़ती हैं ये चार चीजें, ऐसे कर सकते हैं दोबारा इस्तेमाल
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Pooja Samagri: पूजा में कभी भी बासी नहीं पड़ती हैं ये चार चीजें, ऐसे कर सकते हैं दोबारा इस्तेमाल

Pooja Samagri: बेलपत्र से महादेव प्रसन्न होते हैं. ये पत्ते भी कभी बासी नहीं होते हैं. आप इसका इस्तेमाल कभी भी पूजा में कर सकते हैं. इतना ही नहीं धर्म शास्त्रों के मुताबिक बेलपत्र को एक बार श‍िवलिंग पर अर्पित करने के बाद उसे धोकर आप दोबारा भोलेनाथ को चढ़ा सकते हैं. 

Pooja Samagri: पूजा में कभी भी बासी नहीं पड़ती हैं ये चार चीजें, ऐसे कर सकते हैं दोबारा इस्तेमाल

पटनाः Pooja Samagri: भारतीय सनातन परंपरा में पूजा का विशेष महत्व है. पूजा के विषय में कहा जाता है कि अपने ईष्ट के विषय में जानना ही पूजा है. पूजा मन की शांति और आध्यात्मिक उन्नति का जरिया है. यह भी आपके ऊपर निर्भर करता है कि आप पूजा कैसे करते हैं या आपका पूजा का तरीका क्या है. फिर भी भारतीय पूजा पद्धति में हर देवी-देवता के लिए उसकी प्रिय वस्तु, भोग, पुष्प और गंध से ही उसका पूजा का विधान है. पंचोपचार पूजा विधि में गंगाजल, धूप, दीप, नैवेद्य-भोग और आरती का महत्वपूर्ण स्थान है. इसके अलावा शिवजी का गंगाजल से अभिषेक, विष्णु जी को भोग में तुलसी दल, महादेव को बेलपत्र बहुत प्रिय हैं. पूजा में शामिल कुछ वस्तुएं ऐसी हैं, जो कभी पुरानी नहीं पड़ती हैं. 

भारतीय सनातन पद्धति में गंगाजल, बेलपत्र, कमल पुष्प और तुलसी दल को बहुत ही पवित्र माना गया है. खास बात यह है कि ये चारों कभी खराब, पुराने और बासी नहीं होते हैं.  जानिए इनका महत्व और पूजा में प्रयोग की विधि

गंगाजल: श्रीहरि के चरणों से निकली, शंकर जटा में समाई और अमृत जिसमें गिर गया हो, ऐसा गंगाजल सबसे पवित्र है. धर्म शास्त्र पूजा में बासी जल का प्रयोग करने की अनुमति नहीं देते हैं, लेकिन गंगाजल के बिना पूजा होना संभव नहीं. यह कभी बासी नहीं होता है. स्‍कंदपुराण और वायुपुराण में इस बात का जिक्र भी किया गया हैं कि गंगाजल भले ही सालों पुराना हो, लेकिन वह कभी भी बासी या खराब नहीं होता. इसलिए यदि गंगाजल सालों पुराना हो तब भी आप इसे पूजा में इस्तेमाल कर सकते हैं. ये कभी खराब नहीं होता हैं. बल्कि लोग इसे घरों में रखते हैं. 

बेलपत्र: बेलपत्र से महादेव प्रसन्न होते हैं. ये पत्ते भी कभी बासी नहीं होते हैं. आप इसका इस्तेमाल कभी भी पूजा में कर सकते हैं. इतना ही नहीं धर्म शास्त्रों के मुताबिक बेलपत्र को एक बार श‍िवलिंग पर अर्पित करने के बाद उसे धोकर आप दोबारा भोलेनाथ को चढ़ा सकते हैं. आप किसी अन्य का चढ़ा बेलपत्र भी उठाकर-धोकर शिवजी पर चढ़ा सकते हैं. एक कथा के मुताबिक एक शिकारी ने अंजाने में ही बेलपत्र चढ़ाकर भगवान शिव को प्रसन्न कर लिया था. 

कमल पुष्प: दीपावली में लक्ष्मी पूजन के लिए कमल पुष्प का जरूर प्रयोग किया गया होगा. मान्यता है कि देवी देवताओं को हमेशा ताजा फूल ही चढ़ाने चाहिए. शास्त्रों में भगवान बासी फूल चढ़ाने की मनाही हैं. हालाँकि एक फूल ऐसा हैं जिसे आप कभी भी चढ़ा सकते हैं. ये बासी नहीं कहलाता हैं. हालांकि इसके बासी होने की अवधि 5 दिन की हैं. इसके साथ ही इस फूल को आप एक बार चढ़ाने के बाद भी दोबारा चढ़ा सकते हैं. कमल पुष्प को धोकर इसे आप एक बार धोकर लगातार 5 दिनों तक चढ़ा सकते हैं.

तुलसी दल: तुलसी के पत्ते भी कभी बासी नहीं होते हैं. इसलिए यदि आपको ताजे तुलसी के पत्ते ना मिले तो आप बासी या पहले चढ़ाए गए तुलसी के पत्तों को भी दोबारा चढ़ा सकते हैं. हालाँकि मंदिर से इन्हें उतारने के बाद बहते जल में या गमला या क्यारी में डाल देना चाहिए. बस एक बात का ध्यान रहे कि तुलसी के पत्ते को गंदगी में नहीं डालना चाहिए. इससे आप पाप के भागिदार बन सकते हैं.

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